नंदीग्राम में चुनाव प्रचार के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के घायल होने के बाद राज्य में राजनीति गरमा गई है। वहीं कोलकाता के अस्पताल में भर्ती ममता से सहानुभूति जताने पहुंचे बीजेपी नेताओं को डॉक्टरों ने मिलने की इजाजत नहीं दी। टीएमसी कार्यकर्ताओं का विरोध भी झेलना पड़ा।
मेघालय और त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल तथागत रॉय और बीजेपी की राज्य इकाई के प्रवक्ता सामिक भट्टाचार्य अस्पताल जाने वाले दल में शामिल थे। उन्होंने कहा कि वे चिकित्सकीय कारणों से तृणमूल कांग्रेस प्रमुख से मुलाकात नहीं कर सके। भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘हमने वहां मौजूद मंत्री अरूप बिस्वास सहित तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को अपनी चितांओं से अवगत करा दिया है और मुख्यमंत्री के शीघ्र स्वस्थ्य होने की कामना की।’’
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वहीं तथागत रॉय ने कहा कि हम मानवीय आधार पर मुख्यमंत्री से मिलने आए थे। डॉक्टरों ने हालांकि हमें अनुमति नहीं दी। काश, हम उनसे मिल पाते। हम इसके बजाय एक राज्य मंत्री अरूप विश्वास से मिले और अपनी चिंता व्यक्त की। हमने उन्हें मुख्यमंत्री को अपना संदेश देने के लिए कहा है। हम शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं। जानकारी के मुताबिक जैसे ही बीजेपी नेता अस्पताल पहुंचे, वहां मौजूद टीएमी समर्थकों ने गो बैक के नारे लगाए।
SSKM अस्पताल पहुंचे राज्यपाल का हुआ विरोध
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ घायल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का हाल जानने बुधवार रात सरकारी एसएसकेएम अस्पताल पहुंचे। इस दौरान वहां उपस्थित सैंकड़ों तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) समर्थकों ने उनका विरोध करते हुए ‘वापस जाओ’ के नारे लगाए।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को आरोप लगाया कि नंदीग्राम में चुनाव प्रचार के दौरान ‘‘चार-पांच लोगों’’ ने उन्हें धक्का दिया, जिसके कारण वह जमीन पर गिर गई और उनके बाएं पैर, कमर, कंधे और गर्दन में चोट आई हैं। उनका एसएसकेएम अस्पताल में उपचार चल रहा है।