मध्य प्रदेश विधानसभा के स्थागित होने के साथ फ्लोर टेस्ट भी टल गया है। जिसको लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। राज्यपाल लालजी टंडन के अभिभाषण के साथ शुरू हुई विधानसभा की कार्यवाही को तुरंत ही स्थागित कर दिया गया।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ सरकार को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने का निर्देश देने के अनुरोध के साथ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। वहीं दायर की गई याचिका में खामियां बताते हुए रजिस्ट्रार की ओर से कहा गया कि अगर ये दूर होती हैं तो कल ही इसपर सुनवाई हो सकती है।
राज्य के पूर्व महाधिवक्ता पुरूषेन्द्र कौरव ने यह जानकारी दी। राज्य में ताजा राजनीतिक घटनाक्रम के परिप्रेक्ष्य में यह याचिका दायर की गयी है। कौरव ने बताया कि याचिका में कहा गया है कि प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री को 16 मार्च को सदन में शक्ति परीक्षण कराने का निर्देश दिया था लेकिन इस निर्देश का कथित रूप से पालन नहीं किया गया है।
गौरतलब है कि बीजेपी लगातार मांग कर रही थी कि सोमवार को ही फ्लोर टेस्ट करवाया जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। कोरोना वायरस के चलते विधानसभा को 26 मार्च तक के लिए स्थागित कर दिया गया है।कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर कई विधायक अपने चेहरे पर मास्क लगाकर विधानसभा में पहुंचे। विधानसभा अध्यक्ष की घोषणा के अनुसार विधायकों को ये मास्क विधानसभा प्रबंधन द्वारा प्रदान किए गए थे।