भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़गी ने आज यहां स्वास्थ्य विभाग को आड़ हाथों लेते हुए कोल्हान की बड़ शासकीय अस्पताल एमजीएम में व्याप्त लापरवाही के मसले पर सरकार को विफल बताया।कहा कि राज्य में कैबिनेट मंत्री एयरकंडीशन कमरे और गाड़यों में ऐश फरमा रहे हैं, वहीं जनता को अस्पतालों में मूलभूत सुविधाएं तक नहीं मिलती। स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले की एमजीएम अस्पताल के आईसीयू में एसी खराब पड़े हैं, और बड़ चिकित्सकों के दफ्तरों की व्यवस्था दुरुस्त है।
500 करोड़ रुपये में एमजीएम का कायाकल्प होगा
भाजपा प्रवक्ता श्री षाड़गी ने झारखंड सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताते हुए कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था अबतक के निचले पायदान पर तो थी ही, अब स्वास्थ्य व्यवस्था भी वेंटिलेटर पर लेट चुकी है। न तो टीकाकरण में, न ही डॉक्टरों की कमी से और न ही आने वाले समय में कोरोना से जुड़ किसी संभावित खतरे को लेकर सरकार के स्तर पर कोई तैयारी दिखती है। मंत्रियों में सिर्फ़ झूठी वाहवाही लेने की होड़ मची हुई है और जनता इनकी प्राथमिकता में कहीं नहीं है। कुछ दिनों पहले स्वास्थ्य मंत्री ने घोषणा की कि 500 करोड़ रुपये में एमजीएम का कायाकल्प होगा। कई विभागों में विभागाध्यक्ष नहीं हैं और करोड़ रूपये की मशीनें ऑपरेटर के अभाव में सढ रही हैं। बिना पैरवी के त्ररूरतमंद गर्भवती महिलाओं का ईलाज नहीं हो पाता है।
विभाग ने किन बिंदुओं पर कैसे पैसे खर्च किए
जानकारी के मुताबिक, हाल में माननीय मंत्री महोदय के त्रलि के मुसाबनी की एक औरत के गर्भ में ही बच्चे की मृत्यु हो गई लेकिन चार दिनों तक मृत शिशु को माँ के शरीर से निकाला नहीं गया। सरकार बने दो साल से त्र्यादा समय हो चुका है। राज्य सरकार में अगर हिम्मत है तो स्वास्थ्य विभाग में केंद, सरकार और अन्य मदों से मिली राशि के ऑडिट करवाया जाए और राज्य सरकार जनता के सामने सार्वजनिक करे कि विभाग ने किन बिंदुओं पर कैसे पैसे खर्च किए हैं।