मध्यप्रदेश के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के मंगलवार को कांग्रेस से इस्तीफे दिए जाने के बाद से ही पार्टी को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा हैं। बता दें की मंगलवार सुबह को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ दिल्ली में एक बैठक की और उसके बाद कांग्रेस छोड़ दी। इसके बाद सिंधिया खेमे के कांग्रेस विधायकों का इस्तीफा देने का सिलसिला शुरू हो गया। और शाम तक कांग्रेस के 22 बागी विधायकों ने इस्तीफे दे दिए।
ऐसे में विपक्ष की ओर से लगातार मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार के गिरने की उम्मीदे लगाई जा रही हैं। इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दावा किया है कि मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार कुछ दिनों की मेहमान है, क्योंकि 22 विधायकों द्वारा विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफे सौंपे जाने के बाद सरकार ने बहुमत खो दिया है।
बुधवार को संसद के बाहर भाजपा सांसद प्रहलाद पटेल और मीनाक्षी लेखी ने कहा कि 26 मार्च को राज्यसभा चुनाव के बाद सारी स्थिति साफ हो जाएगी। मोदी सरकार में मंत्री और सांसद प्रहलाद पटेल ने कहा,पहले तो वहां राज्यसभा चुनाव है। इसके बाद शक्ति परीक्षण होगा और कमलनाथ सरकार गिर जाएगी। इसमें किसी तरह का कोई संदेह नहीं है। इस सरकार को नहीं बचना चाहिए।
दिल्ली से सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कांग्रेस ने जिस तरह का नेतृत्व किया है, उसने लोगों को पार्टी से दूर कर दिया है। यह केवल तीन सदस्यों की पार्टी है, जहां कोई प्रतिभा नहीं है। इस सवाल पर कि भाजपा, कांग्रेस के विधायकों को गलत तरीके से अपनी ओर कर कमलनाथ सरकार को अस्थिर कर रही है? लेखी ने कहा हमें यह करने की जरूरत नहीं है। कांग्रेस खुद ही गिर रही है। जो संकट पैदा हुआ है, उससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है।