2023 में कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनावों से पूर्व राज्य की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने सरकार में बड़े बदलाव करने की शुरुआत कर दी है। इन बदलावों में सबसे पहला बदलाव था मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा का इस्तीफा। जिसके बाद लिंगायत से ही बसवराज बोम्मई को राज्य का नया मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया। खबरों के मुताबिक बीजेपी कर्नाटक में 5 उपमुख्यमंत्री बनाने के बारे में विचार कर रही है।
बता दें कि बुधवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद बोम्मई आज दिल्ली दौरे पर हैं। जहां उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से होनी है। नई सरकार के गठन के बाद मंत्रिमंडल को अंतिम रूप देना अभी बाकी है। अपने दिल्ली दौरे के बाद बोम्मई मंत्रिमंडल को अंतिम रूप देंगे। 2023 के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री बोम्मई के 5 उपमुख्यमंत्रियों का चयन करने और अपने मंत्रिमंडल में 6 से 8 नए चेहरों को शामिल करने की संभावना बताई जा रही है।
जानकारी के लिए बताते चलें कि कर्नाटक में अधिकतम 34 मंत्री बनाए जा सकते हैं। मंत्रिमंडल के गठन पर चर्चा के लिए एक वरिष्ठ भाजपा पदाधिकारी ने कहा कि डिप्टी सीएम का चयन 5 प्रमुख सामाजिक समूहों- एससी, एसटी, वोक्कालिगा, लिंगायत और ओबीसी से किया जाएगा। उनके मुताबिक लिंगायत-ब्राह्मणों की पार्टी जल्द ही सभी समुदायों के लिए एक अखिल-हिंदू अपील करेगी क्योंकि वह 2008 से विधानसभा चुनावों में 113 सीटों के आंकड़े को पार करने के लिए संघर्ष कर रही है।
बता दें कि वोटों कि राजनीती के लिए बसवराज बोम्मई को कर्नाटक का नया मुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा और लिंगायतों को खुश रखने कि कोशिश की है। अब, पार्टी के आलाकमान यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि पार्टी अन्य समुदायों को भी खुश रखने में जुट जाए और विशेष रूप से एससी / एसटी और ओबीसी के बीच के प्रमुख समूहों को नजरअंदाज न किया जाए।