देश में भयंकर कोरोना वायरस की स्थिति अभी भी बनी हुई है, तो दूसरी तरफ म्यूकोरमाइकोसिस या ‘ब्लैक फंगस’ संक्रमण का खतरा भी लोगों पर मंडराने लगा है। ऐसे मुश्किल हालात में भी इसके उपचार में उपयोग होने वाली महत्वपूर्ण दवा की कथित तौर पर कालाबाजारी करने का सिलसिला रूकने का नाम ही नहीं ले रहा है।
ताजा मामला महाराष्ट्र से सामने आया है, जहां से पुलिस ने इस संबध में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। वरतक मंडल के सहायक पुलिस आयुक्त, पंकज शिरसत ने रविवार को बताया कि एक खुफिया सूचना के आधार पुलिस ने शनिवार को एक योजना बनायी और शुरुआत में दो लोगों को पकड़ा, जो दवा को अवैध रूप से बेचने आए थे।
उन्होंने बताया कि पड़ोसी नवी मुंबई के पनवेल और पालघर जिले के वसई के रहने वाले दो लोगों को ठाणे में कपूरबावड़ी नाका के पास से गिरफ्तार किया गया और उनके पास से 1,09,424 रुपये के लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन-बी के 14 इंजेक्शन बरामद किए गए।
पूछताछ के दौरान दोनों लोगों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने पालघर के बोईसर से एक व्यक्ति से शीशियां खरीदी थीं। पुलिस ने बाद में तीसरे आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत एक मामला दर्ज किया गया है। उन्हें 23 जून तक पुलिस हिरासत में भेजा गया है।