सड़कों पर आवारा कुत्तों की बढ़ती आबादी को देखते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने इसके कंट्रोलिंग पर जोर दिया है। इसपर सोमवार को कोर्ट ने कहा कि आवारा कुत्तों की अत्यधिक आबादी को देखते हुए उनकी नशबंदी कराने, भोजन खिलाने, पालन-पोषण करने और टीकाकरण के लिए तंत्र विकसित करने की जरूरत है और इस मामले में एक गैर सरकारी संगठन की मदद मांगी।
छह निवासियों द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई
आपको बता दें कि न्यायमूर्ति गौतम पटेल और न्यायमूर्ति एस जी डिगे की खंडपीठ ने कहा कि कोर्ट ‘द वेलफेयर ऑफ स्ट्रे डॉग्स’ (डब्ल्यूएसडी) एनजीओ से जुड़ना चाहेगी। यह एनजीओ पिछले कई दशकों से आवारा कुत्तों के कल्याण के लिए काम कर रहा है। हाईकोर्ट ने कहा कि इस मुद्दे के समाधान के लिए कुछ प्रक्रिया तलाशने की जरूरत है। हाईकोर्ट नवी मुंबई में सीवुड्स में एक आवासीय परिसर के छह निवासियों द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इससे पहले कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, हाईकोर्ट नवी मुंबई में सीवुड्स में एक आवासीय परिसर के छह निवासियों द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस याचिका में नवी मुंबई नगर निगम को आवारा कुत्तों के लिए सार्वजनिक स्थानों पर फीडिंग स्टेशनों की पहचान करने और इनकी सीमा निश्चित करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।
इस मुद्दे को लेकर छिड़ा हुआ है विवाद
सोसाइटी के लोगों ने आवारा कुत्तों को खाना खिलाने को लेकर उनपर लगाए गए जुर्माने को भी चुनौती दी थी। मीडियो रिपोर्ट के मुताबिक, हाईकोर्ट ने दिसंबर 2021 में इस मुद्दे पर मध्यस्थता के लिए एक वकील भी नियुक्त किया था। वहीं, याचिकाकर्ताओं और आवासीय परिसर का प्रबंधन करने वाली सीवुड्स एस्टेट्स लिमिटेड (एसईएल) के बीच इस मुद्दे को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है।