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बस हादसा: आखिरी मौके पर ड्राइवर ने बदला रास्ता, एक परिवार की बहादुरी ने बचाई छह लोगों की जान

मध्यप्रदेश के सीधी में मंगलवार को हादसे का शिकार हुई बस के चालक का यातायात बाधित होने के कारण अंतिम क्षण में मार्ग बदलना अधिकतर यात्रियों के लिए प्राणघातक साबित हुआ, जबकि एक परिवार पांच सदस्यों की बहादुरी के कारण छह लोगों की जान बच गई।

मध्यप्रदेश के सीधी में मंगलवार को हादसे का शिकार हुई बस के चालक का यातायात बाधित होने के कारण अंतिम क्षण में मार्ग बदलना अधिकतर यात्रियों के लिए प्राणघातक साबित हुआ, जबकि एक परिवार पांच सदस्यों की बहादुरी के कारण छह लोगों की जान बच गई। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में सीधी जिले के रामपुर नैकिन थाना क्षेत्र में यात्रियों से भरी इस बस के मंगलवार सुबह पुल से नहर में गिरने से 21 महिलाओं सहित 47 लोगों की मौत हो गई। 
हादसे के तुरंत बाद बस के यात्रियों को बचाने के लिए वहां मौजूद शिवरानी लोनिया, उसके भाई लवकुश लोनिया एवं तीन अन्य स्थानीय लोगों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर गहरे पानी में छलांग लगा दी और वे सात लोगों को खींच कर बाहर लाने में सफल रहे। हालांकि इन सात लोगों में से एक की इलाज के दौरान मौत हो गई, लेकिन छह यात्री सुरक्षित हैं। 
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट सहित कई लोगों ने शिवरानी लोनिया सहित 16 से 22 साल के इन लोगों की बहादुरी की प्रशंसा की है। इस हादसे में सुरक्षित बचाई गई एक यात्री ने बताया कि जिस समय बस सड़क से नहर में खिसक रही थी, उस वक्त यात्रियों ने बस की खिड़कियों के कांच तोड़ने का प्रयास किया, लेकिन वे सफल नहीं हुए। 
उन्होंने बताया कि बस में 55 से अधिक लोग थे, जिनमें छात्र भी शामिल थे। यात्री ने बताया कि हादसे के वक्त बस बहुत तेज गति से चल रही थी और बस के नहर में गिरने से पहले उसका चालक वहां से कूद कर भाग गया। कूदने से पहले उसने लोगों को अपनी-अपनी जान बचाने के लिए भी कहा था। 
एएनएम (महिला स्वास्थ कार्यकर्ता) की भर्ती परीक्षा देने सतना जा रही विभा प्रजापति ने बताया, ‘‘बस में पानी भर गया और लोगों ने स्वयं को बचाने के लिए बस की खिड़कियों के कांच तोड़ने के प्रयास किए, लेकिन वे असफल रहे।’’ उसने रोते-रोते मीडिया से कहा, ‘‘मेरा भाई भी मेरे साथ इस बस में सवार था और मैंने अपने भाई को भी बचाने का प्रयास किया, लेकिन अब वह कहां है, मुझे इसका पता नहीं है।’’ 
प्रजापति ने कहा, ‘‘मैं अपने भाई को नहर में आधे रास्ते तक भी ले आई थी, लेकिन बाद में वह पीछे रह गया।’’ उन्होंने कहा कि बस में करीब 30 से 35 छात्र थे, जो सतना में एएनएम की परीक्षा देने जा रहे थे। प्रजापति ने बताया कि यह बस खचाखच भरी थी और कम से कम 15 से 20 यात्री खड़े थे। दो लोगों के लिए बनी कुछ सीटों पर तीन लोग बैठे थे। 
उन्होंने कहा कि इस बस में कम से कम 55 यात्री सवार थे। कुछ लोग चुरहट में उतर गये, क्योंकि उनके लिए बैठने के लिए सीट नहीं थी। चुरहट सीधी और सतना के बीच स्थित है। इस हादसे की प्रत्यक्षदर्शी शिवरानी लोनिया ने मीडिया को बताया कि बस बड़ी तेजी से चल रही थी और यह सड़क से फिसल कर नहर में गिर गई। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इस पूरी घटना को देखा। जब यह बस नहर में गिरी, उस वक्त मैं और मेरा भाई नहर के पास ही खड़े थे। हमने जैसे ही इस बस को नहर में गिरते देखा, तो मैंने और मेरे भाई ने लोगों को बचाने के लिए नहर में तुरंत छलांग लगा दी और दो लोगों को बचाया।’’ 
सीधी जिले के जिलाधिकारी रवीन्द्र चौधरी ने ‘भाषा’ से कहा, ‘‘शिवरानी लोनिया, उसके भाई लवकुश लोनिया एवं तीन अन्य लड़कों ने इस बस हादसे के बाद सात लोगों को नहर से बाहर निकाला, लेकिन उनमें से एक यात्री ने बाद में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।’’ चौधरी ने बताया कि बाकी छह यात्री सुरक्षित हैं। इन सभी की जान लोनिया परिवार के पांच सदस्यों ने बचाई है। उन्होंने कहा, ‘‘यात्रियों को बचाने वाले इन पांचों लड़के-लड़कियों की उम्र 16 से 22 साल के बीच है और वे लोनिया परिवार के सदस्य हैं।’’ 
चौधरी ने बताया कि इस नहर में करीब 25 फुट गहरा पानी था और नहर के किनारे बहुत ज्यादा ढ़लान भी था, ऐसे में इन बहादुर युवाओं ने लोगों की जान बचाकर बहुत बहादुरी का काम किया है। मुख्यमंत्री चौहान ने ट्वीट किया, ‘‘ ‘परहित सरिस धर्म नहिं भाई’। बेटी शिवरानी के साहस को प्रणाम करता हूं। अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए इस बेटी ने सीधी में घटनास्थल पर नहर में छलांग लगाकर दो नागरिकों की जान बचाई है। मैं बेटी को धन्यवाद देता हूं। पूरे प्रदेश को आप पर गर्व है।’’ 

वहीं, घटनास्थल पर पहुंचकर प्रदेश के जल संसाधन मंत्री सिलावट ने शिवरानी से मुलाकात की और उसके इस कार्य के लिए उसकी खूब तारीफ की। सिलावट ने शिवरानी से कहा, ‘‘पूरी सरकार जिंदगी भर आपकी ऋणी रहेगी।’’ सीधी क्षेत्र की भाजपा सांसद रीती पाठक एवं सीधी जिले के पुलिस अधीक्षक पंकज कुमावत ने भी शिवरानी सहित इन पांचों युवाओं की बहादुरी की सराहना की है। कुमातन ने कहा, ‘‘ये बच्चे पास के गांव के ही हैं और तैरना जानते हैं।’’ 
सिलावट ने दुर्घटना स्थल का निरीक्षण किया और मौके पर रहकर बचाव एवं राहत कार्य की निगरानी की। मध्यप्रदेश के पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण (स्वतंत्र प्रभार) राम खिलावन पटेल भी उनके साथ थे। एक अधिकारी ने बताया कि यह हादसा सीधी जिला मुख्यालय से करीब 80 किलोमीटर दूर पटना गांव में हुआ। बस सीधी से सतना जा रही थी। सूत्रों ने बताया कि छुहिया घाटी में यातायात बाधित था, इसलिए इस बस के चालक ने सतना जाने के लिए मार्ग बदल दिया था और उसके कुछ ही देर बाद यह हादसा हो गया। 

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