संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ द्रमुक और उसके सहयोगियों ने सोमवार को चेन्नई में मेगा रैली निकाली और इस कानून को वापस लेने की मांग की। द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन, कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम, एमडीएमके प्रमुख वाइको और वाम दलों की राज्य इकाई के नेताओं ने एगमोर से राजरथिनम स्टेडियम तक की दो किमी की दूरी मार्च करके तय की। मार्च के दौरान स्टालिन, चिदंबरम और अन्य शीर्ष नेताओं ने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं।
द्रमुक और सहयोगी दलों के कार्यकर्ता विवादित कानून के खिलाफ नारे लगा रहे थे। पुलिस ने बताया कि रैली को देखते हुए व्यापक सुरक्षा बंदोबस्त किए गए, ड्रोन तैनात किए गए और 5,000 पुलिसकर्मियों को सुरक्षा ड्यूटी में लगाया गया। चेन्नई में पिछले हफ्ते सभी विपक्षी दलों की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद स्टालिन ने कहा था कि बैठक में संकल्प लिया गया कि सीएए को रद्द करवाया जाए और 23 दिसंबर को इसे रद्द करने की मांग को लेकर जुलूस निकाला जाएगा।
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स्टालिन के मुताबिक, सीएए को लेकर दो सवाल हैं- मुस्लिमों को शरणार्थी क्यों नहीं माना गया और श्रीलंका को पड़ोसी देश में क्यों नहीं रखा गया? स्टालिन ने कहा कि विधेयक को राज्यसभा में समर्थन देकर सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक और पीएमके ने मुस्लिमों और श्रीलंकाई तमिलों को धोखा दिया है।