दाभोलकर हत्या मामले के 5 आरोपियों पर UAPA के तहत चले मुकदमा, CBI ने कोर्ट से की मांग - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

दाभोलकर हत्या मामले के 5 आरोपियों पर UAPA के तहत चले मुकदमा, CBI ने कोर्ट से की मांग

अंधविश्वास के विरुद्ध अभियान चलाने के लिए पहचाने जाने वाले नरेन्द्र दाभोलकर की 20 अगस्त 2013 को पुणे में गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कोर्ट से तर्कशास्त्री नरेन्द्र दाभोलकर की हत्या मामले के पांच आरोपियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून (यूएपीए) के तहत मुकदमा चलाया जाने की मांग की है। दाभोलकर की साल 2013 में हत्या कर दी गयी थी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (विशेष अदालत के न्यायाधीश) एस आर नावंदर के समक्ष शुक्रवार को यहां पांच आरोपियों डॉ. विरेन्द्र सिंह तावडे, शरद कलसकर, सचिन अंदुरे, वकील संजीव पुनालेकर और विक्रम भावे के खिलाफ आरोप तय करने को लेकर दलीलें रखी गयी।
विशेष लोक अभियोजक प्रकाश सूर्यवंशी ने सीबीआई की ओर से मामले पर दलीलें रखते हुए कहा कि आरोपी पर आईपीसी की धारा 120 बी (आपराधिक षडयंत्र), 120 बी के साथ 302 (हत्या), शस्त्र कानून की संबंधित धाराओं और यूएपीए की धारा 16 (आतंकवादी कृत्य के लिए सजा) के तहत आरोप लगाए गए।
उन्होंने यूएपीए की धारा 16 पर जोर दिया और दलील दी कि इस मामले में इसे लागू करना कैसे न्यायोचित है। उन्होंने कहा, ‘‘यूएपीए की धारा 15 की परिभाषा समाज या समाज के एक वर्ग के बीच आतंक पैदा करना है। मौजूदा मामले में हमारी दलील है कि लोगों के एक वर्ग के बीच आतंक पैदा करने के लिए दाभोलकर की हत्या के लिए आग्नेयास्त्रों का इस्तेमाल किया गया इसलिए यूएपीए की धारा 16 इस मामले में लगायी जानी चाहिए है।’’
उन्होंने कहा कि सीबीआई को यूएपीए की धारा 16 लगाने के लिए राज्य सरकार से मंजूरी मिली थी। बहरहाल, बचाव पक्ष के वकील वीरेंद्र इचलकरांजिकर ने यूएपीए की धारा 16 को लगाने की अभियोजन की मांग का विरोध किया। उन्होंने कहा, ‘‘हम यूएपीए की धारा 16 लगाने का विरोध करते हैं क्योंकि अभियोजन विभिन्न दस्तावेजों के जरिए 2016 से यह कहता रहा है कि  तावडे दाभोलकर से घृणा करते थे और इसके कारण उन्होंने उनकी हत्या की। तो फिर आतंक का सवाल कहां से उठता है?’’
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने मामले पर अगली सुनवाई के लिए सात सितंबर की तारीख तय कर दी। अंधविश्वास के विरुद्ध अभियान चलाने के लिए पहचाने जाने वाले दाभोलकर की 20 अगस्त 2013 को पुणे में गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

one × 1 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।