सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने तंज कसते हुए कहा कि आशा है कि इस जांच के परिणाम नरेंद्र दाभोलकर की हत्या की जांच जैसे न हो, जिसका अभी तक कोई हल नहीं निकल पाया।
पवार ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि उन्हें भरोसा है कि महाविकास अघाडी सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि अभिनेता की मौत के मामले की जांच नरेन्द्र दाभोलकर हत्या मामले की तरह नहीं की जाएगी, जो अभी तक पूरी नहीं हुई है।
मुझे आशा है, इस जांच के परिणाम डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की हत्या की जांच जैसे न हो।
२०१४ में #CBI द्वारा शुरू की गई #drnarendradabholkar हत्या की जांच का अभी तक कोई हल नहीं निकल पाया है।— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) August 20, 2020
सुप्रीम कोर्ट ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के संबंध में पटना में दर्ज प्राथमिकी में जांच सीबीआई से कराने की बिहार सरकार की सिफारिश को बुधवार को सही ठहराया। कोर्ट ने कहा कि बिहार सरकार इस मामले को जांच के लिए सीबीआई को सौंपने में सक्षम है।
क्या है दाभोलकर हत्याकांड?
दरअसल, 20 अगस्त, 2013 को अंधविश्वास और अघोरी प्रथा के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की पुणे में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। दाभोलकर की हत्या के बाद पूरे महाराष्ट्र में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हुए। उनकी हत्या के बाद सरकार को अंधविश्वास के खिलाफ कानून बनाने को मजबूर होना पड़ा। सीबीआई ने मामले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया है और इनमें से पांच के खिलाफ आरोप-पत्र भी दाखिल किया है।