केंद्र ने विभिन्न विदेशी सहायता प्राप्त परियोजनाओं (ईएपी) के लिए विदेशी एजेंसियों से मिले 960 करोड़ रुपये के ऋण का इस्तेमाल नहीं होने को लेकर लेकर आंध्र प्रदेश सरकार से रिपोर्ट मांगी है।
जिन विभागों को परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए ये पैसे दिए जाने चाहिए थे, उन्हें कोई पैसा नहीं दिया गया जबकि ठेकेदारों को अब तक किए गए कार्यों के बदले सैकड़ों करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना भी बाकी है। ये परियोजनाओं अब पटरी से उतर गयी हैं क्योंकि राज्य काम की खराब प्रगति तथा भुगतान (बकाया) न किए जाने के कारण विदेशी एजेंसियों से अब और ऋण राशि हासिल नहीं कर पा रहा है।
केंद्रीय वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) ने इस मुद्दे पर राज्य के वित्त विभाग से स्पष्टीकरण मांगने के लिए पिछले सप्ताह एक पत्र लिखा था। विभाग ने आंध्र प्रदेश के प्रमुख वित्त सचिव को लिखे पत्र में कहा था, विभिन्न प्राधिकरणों द्वारा प्रदान की गयी अग्रिम राशि के उपयोग की पूरी स्थिति उत्साहजनक नहीं है क्योंकि आंध्र प्रदेश सरकार के खातों में बहुत अधिक अग्रिम राशि पड़ी है।
सात सितंबर तक अग्रिम के रूप में जारी की गयी राशि लगभग 12.46 करोड़ डॉलर है यानी मोटे तौर पर 960 करोड़ रुपये के बराबर है। आंध्र प्रदेश में इस समय 14 ईएपी पर काम चल रहा है।
इनके लिए विश्व बैंक, एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक, इंटरनेशनल फंड फॉर एग्रीकल्चर डेवलपमेंट, एशियाई विकास बैंक, इंटरनेशनल बैंक फॉर रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट, जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी, न्यू डेवलपमेंट बैंक और जर्मनी के केएफडब्ल्यू जैसे विदेशी ऋणदाताओं से ऋण मिला है।