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NDA से अलग होने के बाद बोले नायडू – केंद्र के खिलाफ लड़ रहे हैं धर्मयुद्ध

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आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि वह राज्य के वैध अधिकार सुनिश्चित करने के लिए एक ”धर्मयुद्ध” लड़ रहे हैं और तेदेपा की विश्वसनीयता के चलते राष्ट्रीय स्तर पर पार्टियां राजग सरकार के खिलाफ उनकी पार्टी के अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन कर रही हैं।

तेदेपा के भाजपा नीत राजग छोड़ने और लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के कुछ घंटे बाद नायडू ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि वह अब आगे बढ़ेंगे एवं राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न पार्टियों को साथ लाएंगे। तेदेपा प्रमुख ने कहा कि उन्होंने अभी तक किसी भी पार्टी से सम्पर्क नहीं किया है लेकिन ”तेदेपा की विश्वसनीयता” के चलते वे अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन कर रही हैं।

उन्होंने कहा ,”हम हमारे राज्य के वैध अधिकारों के लिए केंद्र के खिलाफ एक धर्मयुद्ध लड़ रहे हैं। तेदेपा की राष्ट्रीय स्तर पर एक विश्वसनीयता है इसलिए कई पार्टियां हमें समर्थन के लिए आगे आ रही हैं। मैं जल्द ही उन लोगों से बात करूंगा जो हमारा समर्थन करने को तैयार हैं।” चंद्रबाबू नायडू ने परोक्ष रूप से वाईएसआर कांग्रेस की ओर इशारा करते हुए कहा, ”हम नैतिक मूल्यों के चलते राजग से बाहर आये। उसके बाद ही हमने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। जिनका कोई नैतिक मूल्य नहीं है वे प्रधानमंत्री कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं।”

वाईएसआर कांग्रेस ने भी अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है। इससे पहले मुख्यमंत्री ने विधानपरिषद में आंध्र प्रदेश पुनर्गठन कानून के क्रियान्वयन पर एक अल्प चर्चा पर बोलते हुए तेदेपा के राजग छोड़ने के कारण समझाये। उन्होंने कहा, ”हम बंटवारे के बाद हमारे राज्यों के हितों के संरक्षण के लिए ही राजग में शामिल हुए थे। हमने इस उम्मीद से चार वर्ष तक इंतजार किया कि केंद्र सभी वादों का सम्मान करेगा लेकिन उसने हमसे केवल अन्याय किया।”

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