छत्तीसगढ़ में पिछले दिनों हुए विधानसभा चुनाव के बाद स्ट्रांग रूम परिसर में शासकीय कर्मचारियों द्वारा लगातार लापरवाही की खबरें सामने आ रही हैं। पूर्व में भी धमतरी में तहसीलदार दो अनाधिकृत लोगों के साथ स्ट्रांग रूम परिसर के भीतर पाए गए थे। तो, वहीं गुरुवार शाम तीन लोगों को जगदलपुर के धरमपुरा स्थित स्ट्रांग रूम परिसर में लैपटॉप सहित पकड़ा गया है। इसकी शिकायत जगदलपुर से कांग्रेस प्रत्याशी रेखचंद जैन ने जगदलपुर कोतवाली में की है। पुलिस तीनों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। रेखचंद जैन ने शिकायत में बताया है कि महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज जिसे चुनाव आयोग ने स्ट्रांग रूम बनाया है।
विधानसभा की सारी ईवीएम और वीवीपैट यहां पर रखी गई है, जिसके मतों की गणना 11 दिसंबर को होगी। जैन ने बताया है कि इससे छेड़खानी करने की नियत से तीन लोग, जिन्होंने अपना नाम पूछने पर उमापति तिवारी, विजय सरकार और सूरज मंडावी बताया। तीनों अपने साथ एक लैपटॉप, मोबाइल और अन्य टूल्स रखे हुए थे। जैन ने तीनों के खिलाफ निर्वाचन आयोग के नियमों के उल्लघंन का आरोप लगाते हुए थाना प्रभारी से अपराध दर्ज कराने की मांग की है।
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. अय्याज तम्बोली ने बताया कि बस्तर जिले के संभागीय मुख्यालय जगदलपुर के धरमपुरा में स्थित स्ट्रांग रूम में रखे हुए सभी ईवीएम पूरी तरह सुरक्षित हैं। महिला पॉलिटेक्निक परिसर धरमपुरा में प्रथम तल पर स्थापित स्ट्रांग रूम की सुरक्षा व्यवस्था तीन लेयर की है। परिसर के मैदान में कुछ दूरी पर स्थित मोबाइल टॉवर के मेंटेनेंस के लिए तीन कर्मचारी कार्य कर रहे थे। इस कार्य में लापरवाही पाए जाने पर दो सुरक्षाकर्मियों को निलंबित किया गया है।
साथ ही वहां पर उपकरणों के साथ मौजूद व्यक्तियों से पुलिस पूछताछ कर रही है। उन्होंने कहा कि दोनों कर्मचारी निजी कंपनी में कार्यरत हैं, जिन्हें परिसर में प्रवेश के लिए अधिकृत नहीं किया गया है। बिना अनुमति इन दोनों व्यक्तियों को परिसर में प्रवेश देकर नियमों का उल्लंघन करने व अपने दायित्व के निर्वहन में लापरवाही बरतने के कारण प्रथम लेयर पर सुरक्षा का कार्य कर रहे दो सुरक्षा कर्मियों आरक्षक इंद्र कुमार पैंकरा और प्रधानारक्षक केशव साहू को निलंबित किया गया है।
स्ट्रांग रूम की सुरक्षा केंद्रीय सुरक्षाबल कर रही है। स्ट्रांग रूम पूरी तरह से सुरक्षित है। ईवीएम और वीवीपैट को लैपटॉप से दूर बैठकर टेम्पर करना संभव नहीं है। पुलिस के अधिकारियों ने तीनों को हिरासत में लेने के बाद लैपटॉप का इंटरनेट प्रोटोकॉल डिटेल रिकॉर्ड, आईपीडीआर कांग्रेसी नेताओं को दिया है। ताकि वे इस आईपीडीआर के माध्यम से लैपटॉप की पूरी जानकारी हासिल कर सकें और ईवीएम की सुरक्षा पर उठ रहे सवालों से निजात पाया जा सके।