साल 2013 में झीरम घाटी नक्सली हमले को लेकर दायर छत्तीसगढ़ सरकार की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है। सरकार ने हमले की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग द्वारा अतिरिक्त गवाहों से पूछताछ से इंकार के खिलाफ याचिका दायर की थी। इस हमले में राज्य के कांग्रेस नेताओं समेत 29 लोगों की मौत हो गई थी।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि हो सकता है कि राज्य सरकार ने आयोग का कार्यकाल बढ़ाया हो लेकिन पैनल ने कार्यवाही बंद कर दी है। पीठ ने कहा, ‘‘आप चाहते हैं कि अतिरिक्त गवाहों से पूछताछ की जाए, लेकिन आयोग सहमत नहीं है। हो सकता है कि आपने आयोग का कार्यकाल बढ़ाया हो लेकिन आयोग ने इसकी कार्यवाही बंद कर दी है।’’ इस पीठ में न्यायमूर्ति आर एस रेड्डी और एम आर शाह भी शामिल थे।
उल्लेखनीय है कि मामले में अतिरिक्त गवाहों से पूछताछ के लिए विशेष न्यायिक जांच आयोग को निर्देश देने की राज्य सरकार की याचिका को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने खारिज कर दी थी, जिस फैसले को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
गौरतलब है कि 25 मई 2013 को, नक्सलियों ने बस्तर जिले के दरभा क्षेत्र की झीरम घाटी में कांग्रेस नेताओं के एक काफिले पर हमला किया था, जिसमें 29 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें तत्कालीन राज्य कांग्रेस प्रमुख नंद कुमार पटेल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल शामिल थे।