छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर चल रही गुटीय जोर आजमाइश में मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पसन्द के इतर यह पद किसी और को दिलाने की कोशिशे जारी है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल प्रदेश अध्यक्ष का भी दायित्व संभाल रहे है। उन्होने अध्यक्ष का पद किसी और को सौंपने का अनुरोध मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद ही कर दिया था पर उन्हे लोकसभा चुनावों तक इस पद पर बने रहने को कहा गया था।इसके तुरंत बाद ही श्री बघेल ने नए अध्यक्ष की नियुक्ति पर जोर देना शुरू कर दिया। उनकी कोशिश इस पद पर आदिवासी नेता को नियुक्त करवाने की रही है।
सूत्रों के अनुसार आलाकमान की ओर से उनसे नाम भी मांगा गया और सरगुजा क्षेत्र के सीतापुर से लगातार चौथी बार विधायक चुने गए अमरजीत भगत का नाम भी उन्होने सुझा दिया।उनके नाम पर लगभग सहमति बन गई थी,लेकिन स्वास्थ्य मंत्री टी.एस.सिंहदेव की भी इस पर राय जानने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हे तलब किया तो उन्होने भगत के नाम पर आपत्ति कर दी।
दरअसल श्री भगत सरगुजा क्षेत्र से विधायक है,जहां के बारे में सिंहदेव की इच्छा के विपरीत पार्टी में कोई निर्णय नही होता।श्री भगत पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के कांग्रेस में रहते उनके काफी करीबी रहे पर बाद में वह मुख्यमंत्री बघेल के करीबी हो गए।उन्होने हालांकि सिंहदेव से भी सम्बन्ध सुधारे पर लगता है कि उनका विश्वास अर्जित नही कर सके।