नयी दिल्ली : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने निवेशकों को राज्य में निवेश के अवसरों का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य छत्तीसगढ़ को निवेश केंद्र बनाना है। मुख्यमंत्री ने निवेशकों से राज्य की उदारवादी निवेश नीतियों और कारोबारी माहौल का लाभ उठाने का आग्रह किया है। बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ – क्षमता , समृद्धि और संभावना की धरती बन गयी है।
उन्होंने कहा कि राज्य की नई औद्योगिक नीति विभिन्न क्षेत्रों में समावेश और सतत औद्योगिक विकास को बढ़ावा देती है। औद्योगिक नीति बहुत ही लचीली है और कई क्षेत्रों में रियायत देती है। राज्य में निवेशक सम्मेलन की योजना साझा करते हुए उन्होंने कहा , पहले की तुलना में राज्य में कारोबार का माहौल काफी सुधरा है और हमें उद्योगों से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। वे राज्य में निवेश करने के इच्छुक हैं।
मुख्यमंत्री के रूप में एक साल का कार्यकाल पूरा करने वाले भूपेश बघेल ने कहा कि पहले राज्य की उपेक्षा की जा रही थी। छत्तीसगढ़ नौवां सबसे बड़ा राज्य है। इसकी जनसंख्या 2.80 करोड़ है। इसके 40 प्रतिशत में वनक्षेत्र हैं लेकिन फिर भी उद्योग बुनियादी क्षेत्र के उद्योगों तक सीमित है। निवेशक पर्यावरण , पर्यटन , खाद्य प्रसंस्करण , कृषि – वानिकी , स्वास्थ्य एवं औषधि , होटल , कपड़ा , इस्पात , सीमेंट और खनन जैसे क्षेत्रों में संभावनाओं का पता लगाने के लिए स्वतंत्र हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य में एकल मंजूरी व्यवस्था काम कर रही है , लेकिन फिर भी अगर कोई मुद्दा सामने आता है , तो सरकार उद्योगपतियों को हर तरह का समर्थन देगी , चाहे वह मंजूरी हो या बुनियादी ढांचा विकसित करना हो। बघेल ने अपनी सरकार की एक साल की उपलब्धियां बताते हुए कहा कि आर्थिक नरमी छत्तीसगढ़ को प्रभावित नहीं कर रही है क्योंकि राज्य सरकार ने किसान कर्ज माफी और 2,500 रुपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर धान की खरीद के माध्यम से नागरिक की जेब में पैसा डाला है। उन्होंने जोर दिया कि पैसा अंततः बाजार में वापस आ जाएगा।