ओडिशा के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को चाइल्ड ट्रैफिकिंग (Child-trafficking) के मामले में सात लोगों की गिरफ्तारी हुई है। इस गिरफ्तारी के साथ ही बाल तस्करी के बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया गया है और उनके चंगुल से डेढ़ साल की बच्ची को छुड़ाया गया है। राउरकेला के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) बिक्रम केशरी भोई ने कहा कि तस्करी का काम कर रहे गिरफ्तार आरोपी नें पांच महिला है।
सुंदरगढ़ जिले के प्लांट साइट पुलिस थाने के अधिकारियों ने सीमा खुंटिया द्वारा दायर एक शिकायत के बाद रैकेट का पदार्फाश किया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनकी डेढ़ साल की पोती का अपहरण कर लिया गया है। वहीं जांच से पता चला है कि पांच महिलाओं सहित सभी सात आरोपी “अच्छे परिवारों” से हैं, जो स्टील सिटी में अपना खुद का बिजनेस करते हैं।
वहीं पुलिस ने बताया कि इस रैकेट की आठवीं महिला सदस्य फिलहाल फरार है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है। भोई ने जोर देकर कहा कि रैकेट में शामिल लोगों का गिरफ्तार होना एक बड़ी उपलब्धि है। अब पकड़े गए इन लोगों से राज्य में चल रहे अवैध गतिविधि के बारे में सब कुछ पता लगा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में हम हर संभव एंगल से जांच करेंगे, जिसमें अंग व्यापार भी शामिल हो सकता है।
एसपी ने कहा कि अपराध में गिरफ़्तारो के मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए हैं। हमें उनके मोबाइल फोन में नवजात शिशुओं की बहुत सारी तस्वीरें मिलीं, जो इंगित करती हैं कि वे बाल तस्करी में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि बच्चे को आरोपी व्यक्तियों के कब्जे से बचा लिया गया है।
पुलिस ने कहा कि उन्हें एक बच्चे को बेचने के लिए चार लाख रूपए तक और बालिका के लिए एक लाख रूपए तक मिल रहे थे। उन्होंने कहा कि इसके बाद, उन्होंने राज्य के बाहर बच्चों को बेच दिया, खासकर झारखंड और छत्तीसगढ़ में। आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है