बेंगलुरू / हैदराबाद : नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ बृहस्पतिवार को दक्षिणी राज्यों में व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन हुआ। विरोध प्रदर्शन के हिंसक हो जाने के कारण कर्नाटक के मंगलुरू में कर्फ्यू लगाया गया।
नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करते हुए छात्र, कार्यकर्ता और आम लोग बेंगलुरू और चेन्नई में सड़कों पर उतरे ।
भाजपा शासित कर्नाटक में प्रदर्शनकारियों ने निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया। मंगलुरू में कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर पथराव किया और गाड़ियों में आग लगा दी। पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए लाठियां चलायी और आंसू गैस के गोले छोड़े।
इतिहासकार रामचंद्र गुहा भी बेंगलुरू के टाउन हॉल इलाके में प्रदर्शन करने जा रहे थे लेकिन पुलिस ने उन्हें वहां से हटा दिया। बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।
गुहा ने कहा कि यह ‘‘बिल्कुल अलोकतांत्रिक’’ है कि पुलिस शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की भी इजाजत नहीं दे रही है।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने कहा कि उन्होंने प्रदर्शनकारियों से निपटते समय पुलिस को संयम बरतने का निर्देश दिया और आरोप लगाया कि प्रदर्शन के पीछे कांग्रेस का हाथ है ।
राज्य के हुबली, हासन, कलबुर्गी, मैसुरू और बल्लारी में भी प्रदर्शन हुआ। बेंगलुरू और मंगलुरू सहित राज्य के विभिन्न भागों में 21 दिसंबर तक निषेधाज्ञा लागू है।
हैदराबाद में वाम दलों और हैदराबाद विश्वविद्यालय के करीब 50 छात्रों को ऐहतियातन हिरासत में लिया गया। पुलिस ने वाम दलों की एक रैली को भी रोक दिया ।
केरल की राजधानी तिरूवनंतपुरम में विभिन्न संगठनों और राजनीतिक दल के कार्यकर्ता पिछले कुछ दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। माकपा की युवा इकाई डीवाईएफआई के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने राजभवन तक मार्च निकाला ।
भाकपा कार्यकर्ताओं ने कोझिकोड में केंद्रीय मंत्री अमित शाह का पुतला फूंका । कन्नूर, मल्लपुरम में भी प्रदर्शन हुआ ।
तमिलनाडु के चेन्नई, तिरूपुर, तिरूचिरापल्ली, नगरकोईल और वनियामबाडी में प्रदर्शन किया गया।
मक्कल अधिकारम और भाकपा सहित विभिन्न दलों और संगठनों के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन का आयोजन किया।