पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने असम में एनआरसी के खिलाफ उत्तरी कोलकाता में गुरुवार को एक रैली निकाली। अपनी पार्टी के सहयोगियों के साथ तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने दोपहर तीन बजे के करीब सिंथी मोड़ से शहर के उत्तरी हिस्से की ओर मार्च किया।
रैली कि शुरुआत करते हुए ममता बनर्जी ने कहा, 19 लाख लोगों को अंतिम सूची में छोड़ दिया है, जिसमें हिंदू, मुस्लिम और बौद्ध शामिल हैं। यह स्वतंत्रता के 76 वर्ष है, फिर भी हम अपनी पहचान का प्रमाण देना चाहते हैं। क्यूं? उन्होंने कहा, आप अपनी पुलिस का इस्तेमाल करके असम में बंगाल का मुंह बंद नहीं कर पाएंगे। अचानक, आप हमें धर्म सिखा रहे हैं जैसे कि हम ईद, दुर्गा पूजा, मुहर्रम और छठ पूजा नहीं मनाते हैं। मैं धर्म के लिए, हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई के साथ हूं लेकिन, एनआरसी के साथ नहीं।
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यह रैली यहां से पांच किलोमीटर दूर श्यामा बाजार में खत्म होगी। एनआरसी की मुखर आलोचक तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने भाजपा पर इस कदम के जरिए लोगों को बांटने का प्रयास करने का आरोप लगाया। पार्टी ने एनआरसी को अद्यतन किए जाने के खिलाफ राज्य के अन्य हिस्सों में सात और आठ सितंबर को रैलियां निकाली थी।
असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का प्रकाशन 31 अगस्त को हुआ। कुल 3.29 करोड़ से ज्यादा आवेदकों में 19 लाख से ज्यादा लोग इस सूची से बाहर रह गए।