केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने मंगलवार को कहा कि राज्य में सबरीमला मंदिर प्रवेश और संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) विरोधी प्रदर्शनों के दौरान दर्ज पुलिस मामलों को वापस लेने के लिए सरकारी स्तर पर प्रक्रियाओं को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने इस साल फरवरी में घटनाओं से सबंधित उन मामलों को वापस लेने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने के आदेश जारी किए थे जो ‘‘गंभीर आपराधिक प्रकृति के नहीं’’ थे। उन्होंने विधानसभा को बताया कि आदेश के आधार पर राज्य के डीजीपी ने जिलाधिकारियों और जिला पुलिस प्रमुखों को अपने-अपने क्षेत्रों में दर्ज ऐसे प्रत्येक मामले की प्रकृति और वर्तमान स्थिति को देखने का निर्देश दिया था।
ऐसे मामलों से संबंधित सूचना जुटाने और उसकी प्रकृति एवं स्थिति की जांच के लिए अपराध शाखा के महानिरीक्षक (आईजी) और विशेष प्रकोष्ठ के अधीक्षकों और राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एससीआरबी) की एक समिति का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि हर मामले की अलग से समीक्षा की जाएगी और अपराध दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 321 के तहत अदालत के आदेश के बाद ही उसे वापस लेने की अनुमति होगी। विपक्षी कांग्रेस ने छह अप्रैल को विधानसभा चुनाव से पहले मामलों को वापस लेने के संबंध में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाली वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार के फैसले का स्वागत किया था।