मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ मध्यप्रदेश की संस्कृति से नहीं हैं। CM शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को प्रदेश के संस्कारों से लगाव नहीं है और उन्होंने प्रदेश का जो अपमान किया है, उसे जनता नहीं सहन करेगी। चौहान ने बयान जारी करते हुए कहा कि कमलनाथ को प्रदेश की माटी, यहां के संस्कारों और संस्कृति से लगाव नहीं है। वे यहां की जड़ से नहीं जुड़ हैं। वे मध्यप्रदेश को‘मदिरा प्रदेश’कह रहे हैं, ये मध्यप्रदेश का अपमान है। यह यहां की संस्कृति और परंपराओं का अपमान है। उन्होंने कहा कि श्री कमलनाथ प्रदेश की जनता को ऐसे आहत ना करें। उनका विरोध भारतीय जनता पार्टी से है तो वे हमें अपमानित करें, लेकिन प्रदेश का अपमान सहन नहीं किया जाएगा।
नीति कमलनाथ सरकार ने बनाई
चौहान ने कहा कि भाजपा सरकार ने अगर आबकारी नीति बनाई है, तो जनभावनाओं को देखते हुए बनाई है। महिलाओं के सम्मान को देखते हुए और नशे को हतोत्साहित करने के लिए बनाई है। मुख्यमंत्री ने कमलनाथ के मुख्यमंत्री के तौर पर कार्यकाल का संदर्भ देते हुए कहा कि उस समय शराब ठेकेदारों द्वारा उप दुकान खोल सकने का फैसला किया गया था। उसकी राशि तय कर दी गई थी कि कितने करोड़ देकर उप दुकान खोल सकेंगे। लाइसेंस के नियम को आसान करने की नीति कमलनाथ सरकार ने बनाई थी। उस सरकार ने ऑनलाइन शराब बेचने, महिलाओं के लिए अलग से शराब की दुकान खोलने का फैसला किया था।
कमलनाथ ने कल आरोप लगाया था
चौहान ने कहा कि कांग्रेस की नीति ठेकेदारों के लिए बनती थी। उनके दवाब में बनती थी। भाजपा की नीति नशे को हतोत्साहित करने, महिलाओं के सम्मान को बरकरार रखने के लिए है, इसलिए सारे अहाते बंद करने का फैसला किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का विरोध हो, लेकिन मध्यप्रदेश का अपमान ना हो। कम से कम मध्यप्रदेश के लिए तो मन में सम्मान का भाव होना चाहिए। प्रदेश का अपमान किया गया है, जनता इसे सहन नहीं करेगी। प्रदेश में पिछले दिनों शराब संबंधित नए नियम आने के बाद कमलनाथ ने कल आरोप लगाया था कि एमपी का नाम अब‘मदिरा प्रदेश’हो गया है। उनके इस बयान का भाजपा की ओर से कड़ विरोध हो रहा है।