मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को कहा कि दुनिया की बढ़ती आबादी की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में भारत महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। चौहान ने जी20 कृषि सम्मेलन से इतर यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि दुनिया के समक्ष पोषण और खाद्य सुरक्षा एक बड़ी चुनौती है और भारत इसे पूरा करने में पिछले कई वर्षों से महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड और दूसरे संकटों के बावजूद देश में रिकॉर्ड खाद्यान्नों का उत्पादन हो रहा है और इसके निर्यात में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
इस वर्ष 21 लाख टन गेंहू का निर्यात किया है
उन्होंने कहा कि देश में खाद्यान्न उत्पादन में मध्य प्रदेश महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और उसने इस वर्ष 21 लाख टन गेंहू का निर्यात किया है जिसमें बड़ी मात्रा में सरबती गेंहू शामिल है। सरबती गेंहू अपने स्वाद और गुणों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश का बासमती चावल दुनिया को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। यह अपनी सुगन्ध और स्वाद के कारण ऐसा करने में सफल हो रहा है। मध्यप्रदेश के चिन्नौर चावल को जीआई पहचान मिली है।
ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में जहां 18 वर्ष पहले 159 लाख टन खाद्यान्न का उत्पादन होता था, जो अब बढ़कर 619 लाख टन हो गया है। कृषि के मामले में मध्य प्रदेश में अभी भी व्यापक संभावनायें हैं, इनका दोहन किया जाना है। राज्य में कृषि के लिए आधुनिक तकनीक और ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है और पोषक तत्वों से भरपूर मोटे अनाजों की खेती को बढ़वा दिया जा रहा है। इसके अलावा बीज बैंक बनाया जा रहा है।
प्राकृतिक खेती का उत्पादन बढ़ है
चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश जैविक खेती में देश में पहले स्थान पर है और प्राकृतिक खेती को भी यहां बढ़वा दिया जा रहा है। राज्य में साढ़ 17 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में जैविक खेती की जा रही है और प्राकृतिक खेती के लिए 60 हजार किसानों ने निबंधन कराया है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती का उत्पादन बढ़ है और एक किसान दूसरे किसान से प्रेरणा लेकर इसका और विस्तार करेंगे।
पक्षियों में गिद्ध पर कीटनाशकों का सबसे बुरा असर हुआ है
उन्होंने कहा कि अंधाधुंध रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का प्रयोग किये जाने से मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है और कई बीमारियां पैदा हो रही हैं। पक्षियों में गिद्ध पर कीटनाशकों का सबसे बुरा असर हुआ है। उन्होंने कहा कि जी20 कृषि सम्मेलन के दौरान दुनिया की खाद्यान्न जरूरतों तथा खेती की संभावनाओं के हर क्षेत्र पर विस्तार से चर्चा की जायेगी।