द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के पूर्व अध्यक्ष एवं तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत एम करुणानिधि का स्मारक कामराजर सलई में मरीना तट पर बनाया जाएगा जिसकी लागत 39 करोड़ रूपए है। मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि “आधुनिक तमिलनाडु” बनाने के करुणानिधि के प्रयासों के सम्मान में मरीना तट पर 2.21 एकड़ भूमि पर यह स्मारक स्थापित किया जाएगा।
इस मौके पर सामाजिक कल्याण, परिवहन, साहित्य, शिक्षा, शहरीकरण और बुनियादी ढांचे के विकास जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अपना योगदान के चुके दिवंगत नेता और अपने पिता को याद करते हुए स्टालिन ने उन्हें ”आधुनिक तमिलनाडु के मूर्तिकार” के रूप में सम्मानित किया। करुणानिधि के निधन पर स्टालिन ने कहा, “लगभग आधी सदी तक स्थायी रूप से सुर्खियों में रहने के बाद, 7 अगस्त, 2018 को उनकी मौत हो गई।” उन्होंने अपनी मृत्यु से पहले तमिल समुदाय के लिए बहुत कुछ किया है और उनके योगदान को तमिलनाडु कभी नहीं भूल पाएगा।
स्टालिन ने कहा, “माँ तमिलनाडु के लिए उनके महान कार्यों की पहचान और उनकी उपलब्धियों और आने वाली पीढ़ियों के लिए विचारों को उजागर करने के लिए, अन्ना स्मारक (डीएमके संस्थापक और दिवंगत सीएम) के परिसर में उनके लिए 39 करोड़ रूपए की लागत से एक स्मारक बनाया जाएगा।”
14 साल की उम्र में ही राजनीती की दुनिया में प्रवेश
करुणानिधि 14 साल की उम्र में ही राजनीती की दुनिया में प्रवेश कर गए थे। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत ‘हिंदी-हटाओ आंदोलन’ से की। जब 1937 में हिन्दी भाषा को स्कूलों में अनिवार्य भाषा की तरह लाया गया, पेरियार की विचारधारा से प्रभावित तरुण युवा विरोध में सड़कों पर उतर आए।करुणानिधि भी इन्ही में से एक थे। उन्होंने कलम को अपना हथियार बनाया. लिखना शुरू कर दिया था और नाटक, पर्चे, अखबार, भाषण उनके हथियार बन गए।