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गुजरात में सांप्रदायिक तनाव अतीत की चीज : रूपाणी

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य में सांप्रदायिक तनाव अतीत की बात हो गई है।

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य में सांप्रदायिक तनाव अतीत की बात हो गई है।रूपाणी ने यह भी कहा कि गुजरात में अपराध अनुसंधान की दर अन्य राज्यों से बेहतर है और उन्होंने कानून एवं व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस बल का आभार जताया। वह ‘राष्ट्रपति पुलिस पदक’ और ‘पुलिस पदक’ वितरित करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम में पूर्व पुलिस महानिदेशक पीपी पांडे समेत 168 कर्मियों को इन पदों से नवाजा गया। 
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ गुजरात पुलिस की प्रतिष्ठा समूचे देश में है। हमारी अपराध अनुसंधान की दर अन्य राज्यों से बेहतर है। गुजरात इसलिए विकसित हुआ क्योंकि हम कानून एवं व्यवस्था को बनाए रख पाए।’’ रूपाणी ने कहा, ‘‘ गुजरात में सांप्रदायिक तनाव अतीत की चीज हो गई है और असामाजिक तत्व अब अपना सिर उठाने की हिम्मत नहीं कर सकते हैं।’’ 
27 फरवरी 2002 को गोधरा में ट्रेन जलने की घटना के बाद, गुजरात ने राज्य के इतिहास के सबसे भीषण सांप्रदायिक दंगे देखे जिसमें एक हजार लोगों की जान गई जिनमें अधिकतर अल्पसंख्यक समुदाय से ताल्लुक रखने वाले थे। रूपाणी के साथ गृह राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा, पुलिस महानिदेशक शिवानंद झा, मुख्य सचिव जेएन सिंह थे। जडेजा ने बताया कि इस कार्यक्रम में 168 पुलिसकर्मियों को पदक से नवाजा गया जिसमें 18 को ‘राष्ट्रपति पुलिस पद’ दिया गया जबकि 150 को ‘पुलिस पदक’ से सम्मानित किया गया। 
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने 2014 से 2019 के बीच स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पदकों का ऐलान किया था, लेकिन पुलिस कर्मियों को बृहस्पतिवार को पदकों से नवाजा गया। पूर्व डीजीपी को कार्यक्रम में राष्ट्रपति पुलिस पद से सम्मानित किया गया। 
पांडे को इशरत जहां के कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में 2013 में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें 2015 में जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद राज्य का डीजीपी प्रभारी बनाया गया था। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर होने के बाद पद छोड़ना पड़ा था। सीबीआई की एक विशेष अदालत ने उन्हें बाद में आरोपमुक्त कर दिया था। 

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