उत्तराखंड विधानसभा चुनाव को लेकर 8 जनवरी को चुनाव आयोग ने आचार संहिता लागू कर दी है। आचार संहिता लागू होने के बाद सभी राजनीतिक पार्टियों को चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित आचार संहिता के नियमों का पालन करना जरूरी होता है। इस बीच कांग्रेस ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और शासन के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों पर बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति का पुनर्गठन तथा कुछ अन्य नियुक्तियां पूर्व की तिथि से करने का आरोप लगाते हुए बृहस्पतिवार को निर्वाचन आयोग से आग्रह किया कि इनके खिलाफ चुनाव आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के लिए प्राथमिकी दर्ज की जाए।
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने निर्वाचन आयोग के साथ डिजिटल बैठक कर अपना पक्ष रखा और इस संदर्भ में ज्ञापन भी सौंपा। इस ज्ञापन पर कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला, पार्टी के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रभारी देवेंद्र यादव, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गणेश गोदियाल और विधायक दल के नेता प्रीतम सिंह के हस्ताक्षर हैं। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री धामी, मुख्य सचिव एस एस संधू और कुछ अन्य अधिकारियों के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन तथा सरकारी रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया और आयोग से आग्रह किया कि इनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए।
उन्होंने यह भी कहा कि ‘मंदिर समिति में पूर्व की तिथि से की गई भाजपा नेताओं की नियुक्ति’ और कई अन्य नियुक्तियों को अवैध करार दिया जाए।कांग्रेस का आरोप है कि गत आठ जनवरी को आचार संहिता के लगने के बाद पूर्व की तिथि से नियुक्तियां कर दी गईं। उत्तराखंड की सभी 70 विधानसभा सीटों के लिए 14 फरवरी को मतदान होना है।
उत्तराखंड सरकार ने गत 10 जनवरी को बदरीनाथ—केदारनाथ मंदिर समिति का पुनर्गठन करने की घोषणा की। प्रदेश के संस्कृति सचिव एचसी सेमवाल द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, भाजपा नेता अजेंद्र अजय को समिति का अध्यक्ष बनाया गया है जबकि किशोर पंवार इसके उपाध्यक्ष और बीडी सिंह मुख्य कार्यकारी अधिकारी होंगे । इसके अलावा, समिति में 13 अन्य सदस्य भी होंगे ।