राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किए जाने के विरोध में कांग्रेस के कार्य स्थगन प्रस्ताव के नोटिस को लेकर असम विधानसभा में बुधवार को जोरदार हंगामा हुआ। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए कार्य स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था। हंगामे के कारण विधानसभा अध्यक्ष बिस्वजीत दैमारी ने दो बार सदन को स्थगित किया और फिर कांग्रेस के दो विधायकों एवं एक निर्दलीय विधायक को दिनभर के लिए सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया।
संविधान की रक्षा के लिए प्रस्ताव भेजने का उठाया मुद्दा
जैसे ही प्रश्नकाल खत्म हुआ, दैमारी ने नेता विपक्ष देबब्रत सैकिया को नोटिस का जिक्र करने और प्रस्ताव की स्वीकार्यता पर बोलने को कहा। कांग्रेस नेता ने कहा, हम भारत की राष्ट्रपति को संविधान की रक्षा करने का अनुरोध करते हुए एक प्रस्ताव भेजना चाहते हैं। संविधान सभी के लिए समान है और कार्यपालिका को इसकी रक्षा के लिए निष्पक्ष रूप से कार्य करना चाहिए। संसद सदस्यता से अयोग्यता के संबंध में संविधान में विभिन्न अनुच्छेदों का उल्लेख करते हुए उन्होंने जोर दिया कि गांधी की अयोग्यता से संविधान का उल्लंघन हुआ है।
राहुल गांधी के समर्थन में लगाए नारे
प्रस्ताव पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा, यह अभूतपूर्व है कि हम यहां न्यायिक मामले पर अपने विचार रख रहे हैं। मैं जानता हूं कि बीती रात को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में यहां हंगामा करने के बारे में फैसला किया गया। इसका कांग्रेस विधायकों ने विरोध करते हुए हंगामा किया तथा इसके बाद ऑल इंडिया यूनाईटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एयूआईडीएफ), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) एवं अन्य विपक्षी सदस्य एवं निर्दलीय विधायक आसन के सामने आ गए। उन्होंने राहुल गांधी के पक्ष में नारे लगाए और उनके समर्थन में लिखे नारों वाली तख्तियां दिखाईं।
बीजेपी सदस्यों ने भी किया पलटवार
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य भी आसन के सामने आ गए और उन्होंने गांधी की आलोचना करते हुए नारे लगाए। विधानसभा अध्यक्ष ने फिर चर्चा के लिए सदन के पटल पर अगला विषय रखा और स्थायी समिति की विभिन्न रिपोर्ट को पेश करने की अनुमति दी। इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी।
अध्यक्ष के कहने पर भी नहीं बैठे सीट पर विपक्ष नेता
जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो शर्मा जवाब देने के लिए उठे जिस पर विपक्ष के सदस्यों ने यह कहकर आपत्ति जताई कि मामला अब खत्म हो गया है। मुख्यमंत्री ने जवाब देना चाहा, लेकिन कांग्रेस विधायक और निर्दलीय सदस्य अखिल गोगोई फिर से तख्तियां दिखाते हुए आसन के सामने पहुंच गए। अध्यक्ष द्वारा बार-बार कहे जाने पर भी गोगोई और अन्य अपनी सीट पर नहीं गए । इसके बाद अध्यक्ष ने गोगोई और कांग्रेस विधायकों कमलाख्या डे पुरकायस्थ और जाकिर हुसैन सिकदर को दिन भर के लिए सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया। विधानसभा के मार्शल इन तीनों विधायकों को सदन से बाहर ले गए।