त्रिपुरा में कांग्रेस ने राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करते हुए आरोप लगाया है कि राज्य में भाजपा के शासन के तहत कानून-व्यवस्था चरमरा गई है और विपक्षी दलों के सदस्यों को हिंसा का सामना करना पड़ रहा है।
हिंसा की घटनाओं की जांच करनी चाहिएः अजय
कांग्रेस प्रवक्ता और पार्टी के त्रिपुरा मामलों के प्रभारी अजय कुमार ने कहा कि उच्च न्यायालय के किसी मौजूदा न्यायाधीश को पूर्वोत्तर राज्य में राजनीतिक हिंसा की घटनाओं की जांच करनी चाहिए। कुमार ने यहां संवाददाताओं से कहा, हम केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि त्रिपुरा में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के खिलाफ हो रहीं भयावह और हिंसक घटनाओं को देखते हुए, कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा जाने के कारण त्रिपुरा में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए।
लोकसभा में जवाब दे प्रधानमंत्री
उन्होंने कहा, हम यह भी मांग करते हैं कि प्रधानमंत्री लोकसभा में जवाब दें कि त्रिपुरा में राजनीतिक विरोधियों को भारतीय जनता पार्टी द्वारा राजनीतिक हिंसा का शिकार क्यों बनाया जा रहा है। कुमार के साथ पार्टी विधायक सुदीप रॉय बर्मन, पूर्व विधायक आशीष साहा और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी सचिव जरिता लैतफलांग भी थीं।
उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के लगभग 100 कार्यकर्ताओं और कार्यालयों पर हमले किए गए हैं। आरोपों पर भाजपा की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।