महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी गठबंधन में इन दिनों कुछ खींचतान शुरू हो गई है, ऐसे में प्रदेश सरकार में सहयोगी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रमुख नाना पटोले ने एक बड़ा बयान देकर सबको हैरत में डाल दिया। इसके बाद राज्य की राजनीति में सियासी उथल-पुथल की हलचल दिखने लगी है।
दरअसल, नाना पटोले ने यह संकेत दिए कि आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी महा विकास अघाड़ी गठबंधन का हिस्सा बनकर नहीं बल्कि अकेले ही चुनाव लड़ेगी। अब केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी एनसीपी और शिवसेना की तुलना में कमजोर है, इसलिए उसे अकेले चुनाव लड़ने से बचना चाहिए।
अठावले ने कहा, ‘महा विकास अघाड़ी सरकार कांग्रेस के 42 विधायकों की मदद से बनी। नाना पटोले को उद्धव ठाकरे और शरद पवार से बातचीत कर अपनी पार्टी से अगले दो-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री नियुक्त करने को लेकर बात करनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता, तो कांग्रेस को गठबंधन से बाहर निकल जाना चाहिए।’
ठावले ने इसके बाद कहा कि कांग्रेस फिलहाल एनसीपी और शिवसेना की तुलना में कमजोर है और ऐसे में अकेले चुनाव लड़ने से कोई फायदा नहीं होगा। अठावले का यह बयान उस समय आया है जब महा विकास अघाड़ी सरकार में मतभेद बढ़ते जा रहे हैं। खासतौर पर इस गठबंधन में सबसे ज्यादा नाखुश कांग्रेस ही है, जिसने अब अकेले चुनाव लड़ने के संकेत तक दे दिए हैं।
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की एनसीपी चीफ शरद पवार से हुई मुलाकात को लेकर अठावले ने कहा, ‘सारी विपक्षी पार्टियां शरद पवार के नेतृत्व में एक नहीं हो सकती। कुछ सोनिया गांधी को नेता मानेंगे तो कुछ राहुल गांधी को। यह नहीं होने जा रहा है। 2024 के चुनावों में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ही सरकार बनेगी।’
अठावले ने आगे यह भी कहा कि हाल ही में उद्धव ठाकरे पीएम मोदी से मिले थे। अगर कांग्रेस महा विकास अघाड़ी से अलग हो जाए तो सरकार अल्पमत में आ जाएगी, जिसके बाद सिर्फ बीजेपी ही विकल्प के तौर पर बचेगी। ऐसे में या तो शिवसेना बीजेपी के साथ आ सकती है या एनसीपी। महाराष्ट्र के लिए उद्धव ठाकरे को बीजेपी के साथ गठबंधन करना चाहिए। इसके लिए ढाई-ढाई साल दोनों पार्टियों से मुख्यमंत्री बनाने का फॉर्मूला अपनाना चाहिए।