देहरादून : राफेल डील को लेकर कांग्रेस की ओर से उठाए जा रहे सवालों को भाजपा ने पूरी तरह खारिज किया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि संसद में पूरी बात स्पष्ट होने और फ्रांस सरकार द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान का खंडन करने के बाद भी इस मुद्दे को फिर से उठाने से साफ है कि कांग्रेस खुद का संतुलन खो बैठी है। वह बार-बार झूठ बोलकर भ्रम फैलाने की कोशिश कर रही है। उसे राष्ट्र हित व सम्मान की भी कोई चिंता नहीं है। प्रदेश भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने कांग्रेस के आरोपों का क्रमवार जवाब दिया।
कहा कि कांग्रेस का यह कहना कि मौजूदा सरकार ने अधिक राशि पर यह समझौता किया है, पूरी तरह गलत है। सच यह है कि तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के प्रयासों से यह डील कांग्रेस के समय निर्धारित कीमत से 57 अरब 61 करोड़ रुपये कम में हुई। उन्होंने कहा कि राफेल डील के बदले देश में निवेश की सीमा को बढ़ाया गया, जो मेक इन इंडिया को गति देगा। जहां तक रिलायंस की भूमिका का सवाल है तो सरकार ने उसे कोई काम नहीं दिया है। अलबत्ता, राफेल लड़ाकू विमान बनाने वाली डेसाल्ट कंपनी ने रिलायंस के साथ संयुक्त रणनीतिक उपक्रम स्थापित करने की घोषणा की। इसके तहत आफसेट अनुबंध पूरा करने से देश की छोटी-बड़ी कंपनियों को तीन अरब यूरो का कारोबार मिलेगा। यही नहीं, रिलायंस अब भी कई बड़े रक्षा प्रोजेक्ट में कार्य कर रहा है।
…और पावरफुल हुआ डबल इंजन
भट्ट ने कहा कि इस डील में अधिकतम इन्फ्लेशन 3.5 फीसद तय हुआ, जो कांग्रेस के समय से 0.4 फीसद कम है। डील में 75 फीसद फ्लीट ऑपरेशनल रखने, पांच साल की वारंटी के प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि फ्रांस सरकार की ओर से राहुल गांधी के बयान का खंडन करने के बाद मामला खत्म हो जाना चाहिए था, लेकिन कांग्रेस द्वारा इसे फिर से उठाए जाने से साफ है कि वह बौखलाई हुई है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस के कार्यकाल में तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटनी ने कहा था कि देश हित से जुड़े होने के कारण रक्षा सौदे की जानकारी सदन में नहीं दी जा सकती। अब वही कांग्रेस इस मामले में शोर मचा रही है।
– सुनील तलवाड़