गुजरात में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच, राजनीति भी तेज होती जा रही है। पक्ष और विपक्ष के एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप जारी है। इसी कड़ी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने मंगलवार को गुजरात की भाजपा सरकार पर साल दर साल स्वास्थ्य के क्षेत्र में खर्च में ”भारी कटौती” करने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य के लोगों को इसके परिणाम भुगतने पड़ रहे हैं। गुजरात में बीते एक महीने से कोरोना वायरस संक्रमण के प्रतिदिन औसतन 400 नए मामले सामने आ रहे हैं।
गुजरात से राज्यसभा सदस्य पटेल ने डेटा का हवाला देते हुए ट्वीट किया। डेटा में दावा किया गया है कि टीकाकरण के मामले में गुजरात निचले पायदान पर मौजूद राज्यों में शामिल हैं। पटेल ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा, ”बीते 20 साल में गुजरात उन राज्यों में शुमार हो गया है, जहां टीकाकरण में गिरावट आई है। साल 2000 से पहले गुजरात में कुल खर्च का 4.3 प्रतिशत हिस्सा स्वास्थ्य के क्षेत्र पर खर्च किया जा रहा था। 2018 में मौटे तौर पर यह 0.72 प्रतिशत ही रह गया। पूरा राज्य खोखले मॉडल की कीमत चुका रहा है।”
In 20 years,Gujarat is one of the handful of states where immunisation coverage has declined
Before 2000, Gujarat was spending 4.3% of its expenditure on healthcare,in 2018 it was roughly 0.72%
The entire state is paying a price for a flawed model https://t.co/Dwhl2Ayv77 pic.twitter.com/DHttBFFcQW
— Ahmed Patel (@ahmedpatel) June 16, 2020
डेटा में दावा किया गया है कि रोग प्रतिरक्षण के मामले में गुजरात कुल 36 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में 33वें स्थान पर है। इससे पहले पटेल ने निजी प्रयोगशालाओं में कोविड-19 जांच शुल्क पर भी सवाल उठाया। उन्होंने ट्वीट किया कि अहमदाबाद में निजी प्रयोगशालाओं मे कोविड-19 जांच के लिये 4,500 रुपये क्यों लिये जा रहे हैं जबकि मुंबई में यह जांच 2,200 रुपये में हो रही है। गुजरात में 15 जून तक 24,104 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जा चुके हैं। इनमें से 1,506 लोगों की मौत हो चुकी है।