मध्य प्रदेश के इंदौर में कोरोना काल के दौरान भारी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का सड़क पर रैली निकलना भारी पड़ गया। महामारी से बचाव के निर्देशों के उल्लंघन करने और अन्य आरोपों में पुलिस ने सभी कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सोमवार को यह आरोप लगाते हुए रैली निकाली थी कि कोविड-19 की रोकथाम के नाम पर प्रदेश सरकार ने आम लोगों और कारोबारियों पर सख्त प्रतिबंध लाद दिये हैं जिनसे उन्हें जीवन-यापन में काफी परेशानी हो रही है। परदेशीपुरा पुलिस थाने के एक उप निरीक्षक ने बताया कि स्थानीय कांग्रेस नेता चिंटू चौकसे के नेतृत्व में परदेशीपुरा चौराहे से पाटनीपुरा चौराहे तक निकाली गयी रैली को प्रशासन ने अनुमति नहीं दी थी।
रैली में शामिल कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर आरोप है कि उन्होंने सामाजिक दूरी नहीं रखी और कोविड-19 से बचाव के अन्य दिशा-निर्देशों का भी खुला उल्लंघन किया। उन्होंने बताया कि चौकसे समेत पांच कांग्रेस नेताओं के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 188 (किसी सरकारी अधिकारी का आदेश नहीं मानना), धारा 269 (ऐसा लापरवाही भरा काम करना जिससे किसी जानलेवा बीमारी का संक्रमण फैलने का खतरा हो), धारा 341 (जबरन आम रास्ता रोकना) और धारा 285 (आग को लेकर लापरवाही भरा व्यवहार) के तहत नामजद मामला दर्ज किया गया है।
रैली में भाग लेने वाले अन्य आरोपियों की वीडियो फुटेज के आधार पर पहचान की जायेगी। चश्मदीदों ने बताया कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने रैली में नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का पुतला भी फूंक दिया। मौके पर मौजूद पुलिस कर्मी हड़बड़ी में इस पुतले में लगी आग बुझाने का प्रयास करते देखे गए।
इंदौर, देश में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल है। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक 24 मार्च से लेकर 26 जुलाई तक जिले में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 6,985 मामले मिले हैं। इनमें से 304 मरीजों की मौत हो चुकी है, जबकि इलाज के बाद 4,699 लोग इस महामारी से उबर चुके हैं।