कोरोना वायरस के कहर को देखते हुए देश में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन जारी है। इस बीच मुंबई महानगर क्षेत्र में काम करनेवाले गुजरात और राजस्थान के तीन हजार से अधिक प्रवासी मजदूर महाराष्ट्र में पालघर जिले के एक गांव में फंस गए क्योंकि लॉकडाउन की वजह से राज्यों ने अपनी सीमाएं सील कर रखी हैं।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि मुंबई, बोइसर, विरार, वाशी और आसपास के अन्य क्षेत्रों में काम करनेवाले इन लोगों ने बंद के चलते उद्योग-धंधों में काम रुक जाने की वजह से अपने पैतृक स्थलों की ओर पैदल चलना शुरू किया था, लेकिन ये शुक्रवार को पालघर की तलासरी तालुका के अचाड गांव में फंस गए। उन्होंने कहा कि जिला एवं पुलिस अधिकारियों के घंटों के प्रयासों के बाद ये लोग अंतत: मुंबई महानगर क्षेत्र में अपने-अपने स्थानों पर लौट गए।
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पुलिस सूत्रों ने कहा कि मुंबई और इसके आसपास काम करनेवाले इन लोगों ने शुक्रवार को गुजरात और राजस्थान स्थित अपने गांवों की ओर पैदल चलना शुरू किया था। महाराष्ट्र और गुजरात सरकार ने बंद के चलते सीमाएं सील कर रखी हैं।
तलासरी थाने के निरीक्षक अजय वासवे ने कहा, ‘‘वर्तमान में मुंबई और आसपास काम करनेवाले लगभग तीन हजार प्रवासी मजदूरों ने शुक्रवार को अपने पैतृक स्थलों की ओर लौटना शुरू किया था। लेकिन महाराष्ट्र-गुजरात सीमा सील कर दी गई है, इसलिए वे पड़ोसी राज्य में प्रवेश नहीं कर सके।’’
उन्होंने कहा कि क्योंकि ये लोग सीमा पार नहीं कर सके, इसलिए अचाड गांव में फंस गए। वे घंटों तक सीमा पर खड़े रहे। चूंकि कोरोना वायरस के चलते इतनी बड़ी संख्या में उनका एक स्थान पर मौजूद होना जोखिम भरा था, इसलिए जिला और पुलिस अधिकारियों ने उन्हें मुंबई और आसपास के इलाकों में लौट जाने के लिए समझाना शुरू किया।
अधिकारी ने कहा कि शुरू में ये लोग गुजरात और राजस्थान जाने पर अड़े थे, लेकिन बाद में अपने स्थानों पर लौटने को सहमत हो गए। वासवे ने कहा कि अधिकारियों ने इन लोगों को भोजन-पानी उपलब्ध कराया और उनके परिवहन के लिए व्यवस्था की। उन्होंने कहा कि इन लोगों के मुंबई और आसपास के इलाकों में लौट जाने पर अधिकारियों ने राहत की सांस ली।