महाराष्ट्र के ठाणे जिले में कोरोना वायरस से संक्रमित 2 लोगों की ब्लैक फंगस (म्यूकोरमायकोसिस) के कारण मौत हो गई। वहीं फंगस से संक्रमित छह अन्य मरीजों का इलाज चल रहा है। म्यूकोरमायकोसिस एक दुर्लभ किस्म का गंभीर फंगस इन्फेक्शन है। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बुधवार को इस बारे में जानकारी दी।
नगर निगम की स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अश्विनी पाटिल ने बताया कि कल्याण डोंबिवली नगर निगम (केडीएमसी) के अंतर्गत आने वाले अगल-अलग अस्पतालों में ठाणे ग्रामीण के म्हारल से 38 वर्षीय मरीज और डोंबिवली शहर से एक मरीज की कोविड-19 के उपचार के दौरान ब्लैक फंगस संक्रमण से मौत हो गई।
उन्होंने बताया कि छह अन्य मरीजों का ब्लैक फंगस का इलाज चल रहा है और इनमें से दो को आईसीयू में भर्ती किया गया है। अधिकारी ने यह भी बताया कि कोविड-19 के मरीजों को घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह फंगस संक्रमण ज्यादातर उन्हीं मरीजों में देखा गया है जो डायबिटीज से पीड़ित हैं। ऐसे मरीजों को अपना डायबिटीज का स्तर नियंत्रण में रखना चाहिए।
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अधिकारी ने बताया कि कोविड-19 के मरीजों में फंगस का संक्रमण देखा जा रहा है और उनके उपचार में स्टेरॉयड का अधिक इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार ब्लैक फंगस के लक्षणों में सिरदर्द, बुखार, आंखों में दर्द, नाक बंद या साइनस और देखने की क्षमता पर आंशिक रूप से असर शामिल है।
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने मंगलवार को बताया कि राज्य में वर्तमान में फंगस के 2,000 से अधिक मरीज हो सकते हैं और कोविड-19 के मामले बढ़ने से यह संख्या और बढ़ सकती है। राज्य सरकार ने मेडिकल कॉलेज से संबंधित अस्पतालों का फंगस के मरीजों के उपचार केंद्र के तौर पर इस्तेमाल किये जाने का फैसला किया है।
इस बीच कल्याण से सांसद डॉ श्रीकांत शिंदे ने एक विज्ञप्ति में कहा कि सप्ताहांत में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये हुई बैठक में उन्होंने फंगस संक्रमण से निपटने के लिए कई सुझाव दिए। शिंदे ने सुझाव दिया कि कोविड-19 के मरीजों को स्टेरॉयड के इस्तेमाल के संबंध में दिशा निर्देश बनाने के लिए एक कार्य बल का गठन किया जाए।