देश में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर अभी भी सही तरीके से थमी भी नहीं है कि केरल में कोरोना वायरस संक्रमण ने अपनी तीसरी लहर के पैर पसारने शुरू कर दिए है। केरल में कोरोना का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को यहां पर एक बार फिर 32 हजार से ज्यादा नए कोरोना केस पाए गए।
वहीं पॉजिटिविटी रेट बढ़कर 19.22 हो गया है। 20 मई को कोरोना की दूसरी लहर के पीक के बाद यह दूसरी बार है जब केरल में 24 घंटे के अंदर 30 हजार से ज्यादा कोरोना केस दर्ज किए गए हैं। इतनी तेजी से केसेज के बढ़ने के चलते प्रदेश सरकार ने एक बार फिर से संडे लॉकडाउन लगाने का फैसला किया है। गौरतलब है कि स्वतंत्रता दिवस और ओनण पर्व के चलते पिछले दो हफ्तों से संडे लॉकडाउन हटा दिया गया था।
वहीं केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने राज्य में इस तरह से कोरोना मामलों के बढ़ने के लिए होम आइसोलेशन को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में लोग अपने घर के सदस्यों से संक्रमित हो रहे हैं। प्रदेश की स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि लोग होम आइसोलेशन में कंटेनमेंट नियमों का पूरी तरह से पालन नहीं कर रहे हैं। इसके चलते कोरोना के मामलों में इतना ज्यादा इजाफा देखने को मिल रहा है।
इस बीच केरल के कोविड मैनेजमेंट पर भी सवाल उठे हैं। हालांकि राज्य के मुख्यमंत्री पी. विजयन ने इसको खारिज करते हुए ऐसे आरोपों को गैरजरूरी बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह के आरोप लगाकर लोग प्रदेश की जनता की कोरोना से लड़ाई को कमजोर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पर इस तरह के इल्जाम लगाकर लोग जनता को सरकार के खिलाफ भड़काना चाहते हैं। ऐसे हालात में लोग कोरोना के खिलाफ लड़ाई को हल्के में लेने लगेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केरल में एक भी व्यक्ति की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई थी। किसी ने भी न तो स्वास्थ्य सुविधाओं में कमी की शिकायत की और न ही मेडिकल इमरजेंसी में कहीं बेड की कमी हुई। केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन ने कहा कि जो लोग केरल मॉडल की आलोचना कर रहे हैं, वह नहीं जानते कि यहां पर दूसरी लहर की शुरुआत देर से हुई थी।
वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने गुरुवार को केरल और महाराष्ट्र की सरकार के अधिकारियों के साथ एक मीटिंग की। उन्होंने कहा कि इन दोनों राज्यों में फिलहाल कोविड के मामले अनिश्चित तरीके से बढ़े हैं। इसके अलावा केंद्र ने ऐसे इलाकों में नाइट कफ्र्यू लगाने का सुझाव दिया जहां पर पॉजिटिविटी रेट ज्यादा है। गौरतलब है कि केरल में अन्य राज्यों की तुलना में दोबारा संक्रमण के मामले ज्यादा पाए जा रहे हैं। जुलाई के आखिरी सप्ताह से यहां पर कोरोना के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है।
वहीं ओणम के बाद एक बार फिर से कोरोना केसेज बढ़ने की बात कही गई थी जिसको लेकर प्रदेश सरकार ने अलर्ट जारी किया था। दूसरी तरफ, कांग्रेस ने केरल में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को लेकर प्रदेश की वामपंथी सरकार और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन पर अपना हमला जारी रखते हुए शुक्रवार को कहा कि महामारी के प्रबंधन पर अधिकारियों द्वारा “कब्जा” कर लिया गया है और सरकार कम मृत्युदर का दावा कर मरने वालों का विवरण छिपा रही है।
राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी डी सतीशन ने यहां संवाददाताओं को बताया, “हमनें गंभीर आरोप लगाया है कि सरकार जानबूझ कर कोविड-19 संबंधी मृत्यु दर कम दिखा रही है। सरकार केरल में करीब 25 हजार मौत को छिपा रही है और दावा कर रही है कि राज्य में मृत्युदर कम है। इसका मतलब है कि सरकार श्रेय लेने के लिए मृत्युदर छिपा रही है।” केरल में कोविड-19 प्रबंधन के “विफल” रहने के अपने आरोप को दोहराते हुए सतीशन ने कहा कि देश में संक्रमण के कुल मामलों में से 68 प्रतिशत मामले केरल से आ रहे हैं।
सतीशन ने आरोप लगाया, “देश में सर्वाधिक टीपीआर (जांच संक्रमण दर) केरल में है। लेकिन मुख्यमंत्री अब भी केरल मॉडल के सर्वश्रेष्ठ होने का दावा कर रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। यहां मुख्यमंत्री या स्वास्थ्य मंत्री की कोई भूमिका नहीं है। सब चीजों का फैसला कुछ अधिकारियों द्वारा किया जाता है। उन्होंने कोविड-19 प्रबंधन का अपहरण कर लिया है। मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री सिर्फ अधिकारियों की बात दोहरा रहे हैं।”
सतीशन ने आरोप लगाया, “देश में सर्वाधिक टीपीआर (जांच संक्रमण दर) केरल में है। लेकिन मुख्यमंत्री अब भी केरल मॉडल के सर्वश्रेष्ठ होने का दावा कर रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। यहां मुख्यमंत्री या स्वास्थ्य मंत्री की कोई भूमिका नहीं है। सब चीजों का फैसला कुछ अधिकारियों द्वारा किया जाता है। उन्होंने कोविड-19 प्रबंधन का अपहरण कर लिया है। मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री सिर्फ अधिकारियों की बात दोहरा रहे हैं।”
इससे पहले बृहस्पतिवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश चेन्नीथला ने राज्य सरकार पर कोविड-19 का प्रसार रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया था और मांग की थी कि मुख्यमंत्री लोगों से माफी मांगें। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में कोविड-19 के मामलों के बढ़ने का कारण “लापरवाही” है।