न्यायालय ने गन्ना किसानों के 15,683 करोड़ रुपये बकाया मामले में केंद्र, राज्यों से जवाब तलब किया - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

न्यायालय ने गन्ना किसानों के 15,683 करोड़ रुपये बकाया मामले में केंद्र, राज्यों से जवाब तलब किया

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को किसानों के 15,683 करोड़ रुपये बकाये उन्हें तत्काल जारी करने को लेकर निर्देश देने के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र और उत्तर प्रदेश तथा महाराष्ट्र जैसे 16 गन्ना उत्पादक

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को किसानों के 15,683 करोड़ रुपये बकाये उन्हें तत्काल जारी करने को लेकर निर्देश देने के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र और उत्तर प्रदेश तथा महाराष्ट्र जैसे 16 गन्ना उत्पादक राज्यों से जवाब तलब किया। याचिका में समयबद्ध तरीके से किसानों के बकाया भुगतान का निर्देश देने का आग्रह किया गया है। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे और न्यायाधीश एएस बोपन्ना तथा न्यायाधीश वी रामसुब्रमणियम की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता संजय पारेख की बातों को सुनने के बाद मामले पर सुनवाई करने का फैसला किया। 
अधिवक्ता ने कहा कि समय पर भुगतान नहीं होने से देश में पांच करोड़ गन्ना किसान और उनपर निर्भर उनके परिजनों की आजीविका पर असर पड़ रहा है। ये किसान और उनके परिवार गुजर-बसर के लिये करीब 50 लाख हेक्टेयर में गन्ने की खेती पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा कि 11 सितंबर, 2020 तक गन्ना किसानों पर बकाया 15,683 करोड़ रुपये था। इसमें सबसे प्रभावित उत्तर प्रदेश के गन्ना किसान हैं, जहां की चीनी मिलों पर बकाया 10,174 करोड़ रुपये है। वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये हुई सुनवाई में पारेख ने कहा, ‘‘भुगतान में देरी से कई गन्ना किसान आत्महत्या के लिये मजबूर हो रहे हैं।’’
 किसानों को तत्काल बकाया भुगतान के अलावा याचिका में प्राधिकरणों को यह भी निर्देश देने का आग्रह किया गया है कि वे चूक करने वाली चीनी मिलों के खिलाफ कार्रवाई करें और प्राथमिकी दर्ज करें। याचिका में गन्ना उद्योग द्वारा किसानों के बकाये का भुगतान नहीं किये जाने की समस्या के अध्ययन के लिये समिति गठित करने का भी निर्देश देने का आग्रह किया गया। साथ ही कानूनी रूपरेखा में यह सुनिश्चित करने के लिये बदलाव करने का अनुरोध किया गया है कि किसानों के बकायों के भुगतान में कोई देरी नहीं हो। 
पीठ ने उत्तर प्रदेश के किसान लोकेश कुमार धोदी और नौ अन्य की याचिका पर नोटिस जारी करते हुए निजी चीनी मिलों बजाज हिंदुस्तान शुगर लि., मोदी शुगर मिल्स लि. और सिंभावली शुगर्स लि. का नाम पक्षों की सूची से हटाने का भी आदेश दिया। पीठ ने राज्यों…उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, बिहार, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, ओड़िशा, गोवा और पुडुचेरी…को नोटिस देते हुए किसानों को बकाये का तत्काल भुगतान किये जाने की याचिका पर जवाब देने को कहा है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

6 − two =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।