केरल उच्च न्यायालय ने कथिरुर मनोज हत्या मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून (यूएपीए) लगाने के सीबीआई के फैसले के खिलाफ माकपा के वरिष्ठ नेता पी. जयराजन की याचिका मंगलवार को खारिज कर दी। माकपा नेता भी इस मामले में आरोपी हैं।
मुख्य न्यायाधीश एस. मणिकुमार और न्यायमूर्ति शाजी पी. चाली की पीठ सीबीआई के पक्ष में 2018 के एकल न्यायाधीश के फैसले के खिलाफ जयराजन और 24 अन्य आरोपियों की अर्जी पर सुनवाई कर रही थी।
आरोपियों ने अपनी याचिकाओं में दलील दी थी कि सीबीआई राज्य सरकार से मंजूरी लिए बगैर यूएपीए नहीं लगा सकती है, लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दिया।
जयराजन हत्याकांड के 25वें आरोपी हैं।
सीबीआई ने कन्नूर जिले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारी की सितंबर 2014 में हुई हत्या के मामले में 2017 में जयराजन को ‘षड्यंत्रकारी’ बताया और उनके खिलाफ यूएपीए लागू किया था।
उच्च न्यायालय द्वारा अग्रिम जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद माकपा नेता ने 12 फरवरी, 2016 को आत्मसमर्पण किया। बाद में 22 मार्च को वह जमानत पर रिहा हो गए।