छत्तीसगढ़ में सात महीने पुराने भूपेश मंत्रिमंडल का विस्तार करते हुए इसमें एक मंत्री को और शामिल किया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नए प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम को जिम्मेदारी सौंपते वक्त रो पड़े। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राजभवन के दरबार हॉल में अमरजीत भगत को मंत्री के पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विधानसभा अध्यक्ष डॉ.चरणदास महंत, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, राज्य सरकार के मंत्रियों के अलावा राज्य के कांग्रेस प्रभारी पी.एल.पुनिया, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम सहित राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
अमरजीत भगत को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के साथ ही मुख्यमंत्री समेत 13 मंत्री हो गए है। गत दिसम्बर में विधानसभा चुनावों के बाद सरकार गठन के समय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंत्रिमंडल में एक स्थान रिक्त रखा था।नियमानुसार राज्य में मुख्यमंत्री समेत 13 मंत्री हो सकते है।
अमरजीत भगत सरगुजा की सीतापुर सीट से लगातार चौथी बार विधायक चुने गए है। उन्हे दिसम्बर में सरकार के गठन के समय ही मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना था पर स्वास्थ्य मंत्री टी.एस.सिंहदेव की असहमति के चलते मौका नही मिल सका था।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद के लिए अमरजीत भगत का नाम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आगे बढाया था और उस पर लगभग सहमति भी बन गई थी पर आखिरी दौर में टी.एस. सिंहदेव के कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलकर जताई असहमति के कारण उनकी जगह पर कोन्डागांव के विधायक मोहन मरकाम को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कल बना दिया गया।
मोहन मरकाम के अध्यक्ष बनाए जाने के साथ ही मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल विस्तार का निर्णय लिया। शनिवार दोपहर मोहन मरकाम ने अध्यक्ष पद का दायित्व संभाला और शाम को अमरजीत भगत ने मंत्री पद की शपथ ले ली। अमरजीत भगत के शपथ ग्रहण में टी.एस. सिंहदेव मौजूद भी नही थे। राजनीतिक जानकार एक ही दिन अध्यक्ष के दायित्व संभालने एवं मंत्री के शपथ को लेकर पार्टी के भीतर की जोडतोड़ की राजनीति के नजरिए से भी देख रहे है।