महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले से बेहद हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जिले के एक गांव में एक मां ने अपने दो बच्चों के रोने से नाराज होकर उनको मौत के घाट उतार दिया। इतना ही नहीं हैवान मां ने अपनी करतूत को दुनिया से छुपाने के लिए बच्चों के शवों को खेत में ले जाकर जला दिया। इस अपराध में आरोपी महिला की मां और उसके भाई ने भी मदद की।
आरोपी मां की पहचान धुरपाड़ा गणपत निमवाड़ (30) के रूप में हुई है। मारे गए बच्चे की पहचान दत्ता गणपत निमवाड़ (2) और अनसुइया (चार महीने) के रूप में हुई है। पुलिस ने मामले में आरोपी महिला समेत उसके भाई व मां को गिरफ्तार कर लिया है।
दिल दहलाने वाली वारदात 31 मई की रात करीब 10 बजे तब हुई, जब परिवार के सभी सदस्य सो रहे थे। धुरपाड़ा ने 31 मई को रोने के कारण अपनी चार महीने की बेटी अनुसूया की गला घोंटकर कथित रूप से हत्या कर दी। अगले दिन उसने भोजन के लिए रोने पर अपने बेटे दत्ता की हत्या कर दी।
वारदात को अंजाम देने के बाद महिला ने शव को नष्ट करने के लिए अपने मां कोंडाबाई राजेमोद और भाई माधव राजेमोद की मदद ली और चुपके से बच्चों के शवों को खेत में ले जाकर जला दिया। उन्हें ऐसा करते हुए कुछ ग्रामीणों ने देखा और स्थानीय पुलिस को इसकी सूचना दी। इसके बाद अनुविभागीय पुलिस अधिकारी अर्चना पाटिल और पुलिस निरीक्षक विकास पाटिल मौके पर पहुंचे और जले हुए शव को अपने कब्जे में लेकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।