देश में दिन-प्रतिदिन संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है। कोरोना संक्रमितों की संख्या 30000 के करीब पहुंच चुकी है। इस कोरोना वायरस के कहर को रोकने के लिए देश में 3 लॉकडाउन जारी है। इस बीच कर्नाटक में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान को लॉकडाउन के नियम तोड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। वहीं अर्द्धसैनिक बल ने उसके जवान के साथ की गई कथित बदसलूकी पर कड़ी आपत्ति जताई है जिसके बाद पुलिस ने जांच के आदेश दिए हैं।
प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रवीण सूद ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। इस घटना का एक वीडियो वायरल हो गया है जिससे विवाद पैदा हो गया है। क्लिप में, कुछ पुलिस कांस्टेबलों को सीआरपीएफ के जवान सचिन सावंत को बेलगावी में कथित तौर पर लाठियों से मारते हुए देखा जा सकता है।
सोशल मीडिया पर साझा की गई सूचना के मुताबिक, सावंत अपनी बाइक धो रहे थे तभी पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची और लॉकडाउन के दौरान मास्क न पहनने की वजह से उनकी पिटाई शुरू कर दी। अपने कोबरा कमांडो के साथ की गई बदसलूकी का कड़ा संज्ञान लेते हुए, सीआरपीएफ ने कर्नाटक पुलिस को पत्र लिखकर मामले की जांच की मांग की है।कर्नाटक के डीजीपी को लिखे पत्र में सीआरपीएफ के अतिरिक्त महानिदेशक संजय अरोड़ा ने कहा कि सावंत अपनी बाइक धो रहे थे जब उनके और पुलिस के बीच मास्क न पहनने को लेकर झड़प हुई।
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अरोड़ा ने लिखा, सावंत की उनके परिवार के सदस्यों के सामने पिटाई की गई और अभद्र व्यवहार किया गया, और फिर उन्हें नंगेपैर थाने ले जाया गया जहां उन्हें हथकड़ी लगाई गई और जंजीरों से बांधा गया। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो की जांच से पता चलता है कि पुलिस कर्मियों का आचरण नागरिक केंद्रित नहीं था। सीआरपीएफ के एडीजीपी ने कहा कि अगर कर्नाटक पुलिस जवान की गिरफ्तारी से पहले सीआरपीएफ के अधिकारियों को विश्वास में लेती तो इस अप्रिय स्थिति को टाला जा सकता था। इसके जवाब में सूद ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
उन्होंने ट्वीट किया कि बेलगावी के पुलिस महानिरीक्षक को जांच करने के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट मिलने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्री बसवराज बोम्माई ने प्रदेश पुलिस के प्रमुख को घटना की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं। गिरफ्तारी की निंदा करते हुए कर्नाटक के सिंचाई मंत्री रमेश जार्कीहोली ने सीआरपीएफ के जवान की रिहाई की मांग की है। बेलगावी के पुलिस अधीक्षक लक्ष्मण निम्बार्गी ने सावंत की गिरफ्तारी का बचाव किया है।
उनके अनुसार, सदलगा थाने के कांस्टेबल 23 अप्रैल को गश्त ड्यूटी पर थे, जब उन्होंने सावंत को चिक्कोडी तालुक में अपने गांव की एक बेंच पर बैठे देखा। पुलिसकर्मियों को देखकर अन्य लोग भाग गए, लेकिन सावंत वहीं बैठे रहे। जब कांस्टेबलों ने सावंत से सवाल किया कि वह जिले में लागू सीआरपीसी की धारा 144 का उल्लंघन क्यों कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि वह भी एक पुलिसकर्मी हैं। निम्बार्गी ने बताया कि गश्ती दल ने उनसे नियमों का पालन करने को कहा। उन्होंने आरोप लगाया कि इस पर सावंत गुस्सा हो गया, उसने एक कांस्टेबल का गिरेबान पकड़ा और उसे घूंसा मार दिया।