पुणे : एक स्थानीय अदालत ने सीबीआई के उस अनुरोध को ठुकरा दिया है जिसमें नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड में गिरफ्तार किए गए वकील संजीव पुनालेकर और उसके सहायक विक्रम भावे की सीबीआई हिरासत अवधि बढ़ाने की मांग की गई थी। अदालत ने संजीव और विक्रम को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
अदालत ने कहा कि जांच एजेंसी ने दोनों आरोपियों की हिरासत अवधि बढ़ाने के लिए कोई नया आधार नहीं बताया। साल 2013 के दाभोलकर हत्याकांड के कुछ आरोपियों की पैरवी कर चुके संजीव और विक्रम को सीबीआई ने इस मामले में 25 मई को गिरफ्तार किया था।
दोनों की सीबीआई हिरासत अवधि बढ़ाने की मांग करते हुए विशेष सरकारी वकील प्रकाश सूर्यवंशी ने कहा कि जांच एजेंसी को संजीव के लैपटॉप और मोबाइल फोन से कुछ नाम और फोन नंबर सहित कई अहम जानकारियां मिली हैं और एजेंसी इन सुरागों के आधार पर उनसे और पूछताछ करना चाहती है।
सरकारी वकील ने दावा किया कि संजीव के ‘फॉरेंसिक साइकोलॉजी असेसमेंट’ और ‘फॉरेंसिक स्टेटमेंट असेसमेंट’ से संकेत मिले हैं कि वह सच नहीं बता रहा। संजीव और विक्रम को 11 दिनों से सीबीआई की हिरासत में रखा गया था।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आर एम पांडे ने सीबीआई हिरासत अवधि बढ़ाने का जांच एजेंसी का अनुरोध ठुकरा दिया और दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
न्यायाधीश ने अपने लिखित आदेश में कहा कि हिरासत अवधि बढ़ाने के लिए बताए गए आधार ‘‘संतोषजनक’’ नहीं थे। सीबीआई को पहले ही उनकी (आरोपियों की) पर्याप्त हिरासत दे दी गई है।
अंधविश्वास के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता दाभोलकर की 20 अगस्त 2013 को पुणे में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।