गुजरात के राजकोट शहर में बृहस्पतिवार देर रात निर्दिष्ट कोविड-19 अस्पताल के आईसीयू में आग लगने से पांच मरीजों की मौत हो गई। दमकल विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अस्पताल में कोरोना वायरस से संक्रमित जिन 26 अन्य मरीजों का इलाज चल रहा था, उन्हें सुरक्षित बचा लिया गया है। इन सभी को दूसरे अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
दमकल विभाग के अधिकारी जे. बी. थेवा ने बताया कि आनंद बंगलो चौक स्थित चार मंजिला उदय शिवानंद अस्पताल में पहली मंजिल पर बने आईसीयू में बृहस्पतिवार देर रात करीब साढ़े 12 बजे आग लगी। यहां कुल 31 मरीज भर्ती थे। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने घटना पर दुख प्रकट किया और इसकी जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने मृतकों के परिजन को चार-चार लाख रुपये बतौर मुआवजा देने की घोषणा भी की है।
राजकोट के पुलिस आयुक्त मनोज अग्रवाल ने कहा, ‘‘ आग लगने से आईसीयू में भर्ती 11 मरीजों में से पांच मरीजों की जान चली गई। आग के बाकी मंजिलों पर फैलने से पहले उस पर काबू पा लिया गया। ’’
राज्य के उप मुख्यमंत्री नितिन भाई पटेल ने कहा, ‘‘ आईसीयू वार्ड में देर रात करीब साढ़े 12 बजे आग लगी और दमकल विभाग ने करीब आधे घंटे में ही इस पर काबू पा लिया। कोरोना वायरस से संक्रमित तीन मरीजों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अन्य दो ने उस समय दम तोड़ दिया जब उन्हें दूसरे अस्पताल ले जाया जा रहा था।’’
पटेल ने कहा, ‘‘ हादसे में कोई और घायल नहीं हुआ है। बाकी 26 मरीजों को अन्य अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।’’
उन्होंने बताया कि प्राथमिक जांच से प्रतीत होता है कि आग एक वेंटिलेटर में शॉट-सर्किट की वजह से लगी। निजी अस्पताल के पास एनओसी थी। साथ ही सभी अग्निशमन उपकरण अस्पताल में मौजूद थे। मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ए. के. राकेश मामले की जांच करेंगे।
अधिकारियों ने बताया कि हादसे में मारे गए मरीजों के नाम राम सिंह, नितिन बडानी, रसिका अग्रावत, संजय राठौड़ और केशु अकबरी हैं। गौरतलब है कि अगस्त में अहमदाबाद के एक चार मंजिला निजी अस्पताल की सबसे ऊपर की मंजिल पर आग लगने से कोविड-19 से पीड़ित आठ मरीजों की मौत हो गई थी।