शुक्रवार और शनिवार को भारी वर्षा के कारण देहरादून के आसपास के इलाकों में भारी नुकसान हुआ। राजधानी देहरादून के मालदेवता और रायपुर क्षेत्र में आई आपदा के कारण रायपुर-थानो मार्ग पर स्थित सौंग नदी पर बने पुल का एक हिस्सा टूट गया था, जिसकी वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है। इसी क्रम में गुरुवार देर रात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देहरादून में सौंग नदी पुल के टूटे हुए हिस्से का निरीक्षण किया और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे राहत कार्यों का जायजा लिया।
बता दें कि, रायपुर थानो मार्ग पर आपदा में क्षतिग्रस्त हुए सौंग नदी के पुल की मरम्मत और आवाजाही सुचारू करने के लिए दिन-रात कार्य चल रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि हमारी मशीनरी अपनी जिम्मेदारी ठीक तरीके से निभाती तो न सौंग नदी के पुल की एप्रोच रोड क्षतिग्रस्त होती, न इसके चलते दूध बेचने वाले लोडर संचालक की जान जाती।
क्योंकि, लोनिवि अधिकारियों को वर्ष 2016 में ही इस बात की सूचना दे दी गई थी कि सौड़ा की तरफ सौंग नदी तेजी से कटाव कर रही है। और इससे पुल की एप्रोच रोड को खतरा हो सकता है। इसके बाद भी अधिकारी नींद में रहे और आशंका सच साबित हो गई।
आखिर उत्तराखंड में ये पुल बह क्यों रहे हैं
पिछले साल देहरादून और ऋषिकेश के बीच रानीपोखरी का जाखन नदी का पुल भी नदी में समा गया था। तब आधे पुल पर लटकी गाड़ियों के वीडियो काफी वायरल हुए थे। इसके साथ ही अवैध खनन को लेकर और पुल की जांच न होने को लेकर भी सवाल उठे थे। सौंग नदी पर बने इस पुलिस के लिए क्या बारिश ही जिम्मेदार है, इस बात से भी लोग सहमत नजर नहीं आते, वे इसके लिए नदियों में हो रहे अवैध खनन कोसते हैं। पिछले साल ही रायपुर थानो मार्ग को जोड़ने वाले नए पुल का हिस्सा भी धंस गया था, जिसको लेकर काफी बवाल मचा था। देहरादून – ऋषिकेश रोड पर लच्छीवाला में नए बने पुल का भी एक हिस्सा टूट गया था।