देहरादून : गर्मी शुरू होते ही दूनवासियों को पेयजल संकट से जूझना पड़ता है। जल संस्थान की ओर से कोई पुख्ता इंतजाम न करने के कारण टैंकरों के सहारे भी पेयजल आपूर्ति की जाती है। इस बार भी दूनवासियों को टैंकरों के सहारे रहना पड़ेगा, क्योंकि अभी तक जल संस्थान की ओर से पेयजल समस्या से निपटने के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं। दून में वर्तमान में 279 ट्यूबवेल के साथ ही तीन नदी-झरने के स्रोत हैं, लेकिन दून में अधिकांश पेयजल आपूर्ति ट्यूबवेल से ही की जाती है।
गर्मी बढ़ते ही जैसे ही भूजल स्तर नीचे जाता है, ट्यबवेल की क्षमता भी घटने लगती है। अन्य स्रोतों से भी पानी का प्रवाह घटना शुरू हो जाता है। जिसके कारण दून में पेयजल का संकट गहराने लगता है। जल संस्थान की माने तो शहरी क्षेत्र के दक्षिण एवं उत्तर जोन में जैसे-तैसे काम चल जाता है, लेकिन शहर के बाहरी ग्रामीण क्षेत्रों पित्थूवाला और रायपुर जोन में गर्मी शुरू होते ही पेयजल संकट खड़ा हो जाता है। ऐसा नहीं है कि दून में पानी की मांग और डिमांड में कोई ज्यादा अंतर हो।
दून में पेयजल की मांग 162.17 एमएलडी है, जबकि उपलब्धता 162 एमएलडी है। इस हिसाब से दून के लोगों को पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराया जा सकता है, लेकिन लीकेज और वितरण व्यवस्था ठीक न होने के कारण कई वर्षो से यह समस्या बनी हुई है। इसका आज तक स्थायी समाधान नहीं निकाला जा सकता है।
– सुनील तलवाड़