बीजेपी नेता एवं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने मराठा आरक्षण के क्रियान्वयन पर रोक लगाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर हैरानी जताई है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने मराठा समुदाय के लिए शिक्षा और रोजगार में आरक्षण का प्रावधान करने संबंधी महाराष्ट्र सरकार के 2018 के कानून के अमल पर रोक लगा दी है।
विधानसभा में विपक्ष के नेता फड़णवीस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का इस संबंध में फैसला असाधारण है, क्योंकि बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र में सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में मराठा समुदाय के लोगों को आरक्षण मुहैया करने वाले 2018 के अधिनियम को कायम रखा था।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 2018 के कानून का जो लोग लाभ उठा चुके हैं उनकी स्थिति में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। महाराष्ट्र सरकार ने मराठा समुदाय में सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए शिक्षा और रोजगार में आरक्षण कानून, 2018 में बनाया था।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते इस अधिनियम के क्रियान्वयन पर स्थगन आदेश जारी किया और इसे एक बड़ी संविधान पीठ के पास भेज दिया। फड़णवीस ने एक न्यूज चैनल से कहा, ‘‘जब मैंने सुप्रीम कोर्ट के स्थगन आदेश के बारे में सुना, तब मैं स्तब्ध रह गया। ’’
यह अधिनियम उस वक्त पारित किया गया था, जब राज्य में फड़णवीस नीत बीजेपी-शिवसेना सरकार सत्ता में थी। उन्होंने इस मुद्दे को लेकर राज्य की मौजूदा शिवसेना नीत सरकार पर तंज भी किया। उन्होंने कहा, ‘‘तार्किक दलील देने के बजाय कुछ नेता इस विषय को लेकर केंद्र पर उंगली उठा रहे हैं। यह अपने खराब कामकाज से ध्यान भटकाने का बचकाना बहाना है। ’’