मध्य प्रदेश सरकार 26 दिसंबर को कैबिनेट की मंजूरी के बाद जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए बनाए गए धर्म स्वतंत्र विधेयक-2020 को राज्य विधानसभा में पेश करेगी। हालांकि इससे पहले सरकार इस विधेयक को कैबिनेट की मंजूरी के लिए आज ही पेश करने वाली थी।
मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए धर्म स्वतंत्र विधेयक-2020 पर अलग-अलग सुझाव आने के बाद अब इसे 26 दिसंबर को कैबिनेट में मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। इसके बाद इसे विधानसभा में प्रस्तुत किया जाएगा। विधेयक में धर्मांतरण के लिए विवाह गैरकानूनी होगा।
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मध्य प्रदेश विधानसभा का तीन दिवसीय सत्र आगामी 28 दिसंबर से शुरू होने वाला है, जिसमें इसे पेश किया जाएगा। इस बिल में धर्म छिपाकर किसी को धोखा देकर शादी करने पर 10 साल की सजा है। पहले इस बिल में सजा 5 साल प्रस्तावित की गई थी, लेकिन यूपी के बिल को देखते हुए इसे संशोधित किया गया है।