मध्यप्रदेश की भोपाल संसदीय सीट से कांग्रेस उम्मीदवार और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपने 10 सवालों की श्रृंखला में आज केंद्र सरकार से शिक्षा के मुद्दे पर 10 सवाल किए हैं। दिग्विजय सिंह ने ट्विटर पर लिखा – शिक्षा मोदी सरकार की प्राथमिकताओं में क्यों नहीं है? क्यों मोदी सरकार ने शिक्षा बजट को घटाकर 3.48 फीसदी पर ला दिया है, जबकि साल 2013-14 में शिक्षा पर केंद्रीय बजट का 4.77 फीसदी खर्च था।
क्या बीजेपी का चुनावी घोषणापत्र जुमला था, जिसमें शिक्षा पर जीडीपी का 6 प्रतिशत खर्च करने का वादा था? – उन्होंने सवाल किया कि मध्यप्रदेश में बीजेपी सरकार के बीते छह सालों में 42.86 लाख बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ा। इसमें सरकारी स्कूलों के 28 लाख और प्राइवेट स्कूलों के 14.86 लाख बच्चों ने पढ़ई छोड़ दी।
वर्ष 2010 से 2016 तक प्राथमिक शिक्षा पर खर्च किए गए 48 हजार करोड़ रूपए का यह कैसा रिजल्ट है। दिग्विजय सिंह लगातार विभिन्न मुद्दों पर बीजेपी सरकारों से सवाल पूछ रहे हैं। दिग्विजय ने एक सवाल में पूछा मोदी सरकार ने उच्च शिक्षा के लिए बजट घटाने के साथ विश्वविद्यालयों की आर्थिक सहायता और छात्रवृतियों की संख्या घटा दी। जबकि 5 सालों में प्रोफेशनल कोर्स 123% महंगे हुए। आईआईटी की फीस 123% और आईआईएम की फीस 55% बढ़ी। बच्चों को महंगी नहीं, अच्छी शिक्षा की दरकार है मोदी जी।
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NAC ने कहा है कि भारत में 68% विश्वविद्यालय और 90% कॉलेजों में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता मध्यम दर्जे से लेकर दोषपूर्ण तक है। हमारे छात्र विदेशी विश्वविद्यालयों में पढ़ने के लिए सालाना करीब 43 हज़ार करोड़ रुपए ख़र्च करते हैं। मोदी जी क्या ‘नालंदा’ जुमलों में ही रहना था? दिग्विजय सिंह ने सिलसिलेवार 10 सवाल दागे है, हालांकि उनके इस सवालों का बीजेपी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है