पश्चिम बंगाल में सरकारी डॉक्टरों और राज्य सरकार के बीच पिछले एक सप्ताह से जारी गतिरोध के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और हड़ताली जूनियर डॉक्टरों के बीच राज्य सचिवालय नाबन्ना में सोमवार दोपहर बाद होने वाली प्रस्तावित बैठक को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें वार्ता के लिए कोई औपचारिक निमंत्रण नहीं मिला है। बैठक सोमवार दोपहर बाद तीन बजे होने वाली थी।
जूनियर डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल को आज सात दिन हो जाएंगे और इस बीच इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के राष्ट्रव्यापी हड़ताल के आह्वान पर निजी अस्पतालों के चिकित्सकों के भी हड़ताल में शामिल होने से स्थिति और बिगड़ गई है जिससे रोगियों की परेशानी बहुत बढ़ गई है।
एनआरएस अस्पताल में आंदोलनकारी डॉक्टरों ने मीडिया के सामने अपने नये बयान में कहा, ‘‘हमें नाबन्ना में आज दोपहर बाद तीन बजे मुख्यमंत्री के साथ होने वाली बैठक के संबंध में सरकार की तरफ से कोई प्रेस विज्ञप्ति या कोई औपचारिक निमंत्रण नहीं मिला है।
हम एक बार फिर यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि हम वर्तमान गतिरोध को समाप्त करने के लिए ममता बनर्जी के साथ उनके द्वारा तय की गई किसी भी जगह पर बैठक के लिए तैयार हैं लेकिन शर्त यह है कि यह बैठक कैमरे की निगरानी में और मीडिया की उपस्थिति में होनी चाहिए ना कि बंद दरवाजे के अंदर। इसका लाइव प्रसारण भी होना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि एनआरएस अस्पताल में दो डॉक्टरों के साथ मारपीट के बाद मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल की वजह से आम लोगों को परेशानी हो रही है और लोगों को यह पता होना चाहिए कि सरकारी अस्पतालों में हड़ताल क्यों जारी है? नबान्ना में सूत्रों ने बताया कि सरकार हड़ताल कर रहे डॉक्टरों और मुख्यमंत्री के बीच होने वाली बैठक में मीडिया की मौजूदगी और इसके लाइव प्रसारण को तार्किक कारणों से स्वीकार करने के लिए तत्काल तैयार नहीं है।