प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड ग्रामीण विकास विभाग में कथित अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन के एक मामले में मंगलवार को कई स्थानों पर छापा मारा। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि संघीय जांच एजेंसी के अधिकारियों ने धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत झारखंड की राजधानी रांची, जमशेदपुर और दिल्ली सहित लगभग 24 स्थानों पर छापा मारा।
दलालों के परिसर पर मारे जा रहे हैं छापे
धनशोधन का यह मामला सरकारी काम देने के बदले में कथित रूप से दलाली दिए जाने के संबंध में राज्य सतर्कता ब्यूरो की शिकायत से जुड़ा है। सूत्रों का कहना है कि इन आरोपों के संबंध में और सबूत एकत्र करने के लिए छापे मारे जा रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि झारखंड ग्रामीण विकास विभाग के एक अधिकारी और कुछ हवाला डीलर एवं दलालों के परिसर पर छापे मारे जा रहे हैं।
95 फीसदी छापे विपक्षी नेताओं पर होते हैं !
आपको बता दें ईडी की झारखंड में मारे गए छापों को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को भाजपा पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि 95 फीसदी छापे विपक्षी नेताओं, खासकर उनकी पार्टी के नेताओं पर होते हैं। यह प्रतिक्रिया प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा कांग्रेस अधिवेशन से पहले छत्तीसगढ़ में छापेमारी के बाद आई है।
हिमंत बिस्वा, शुभेंदु के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती
खड़गे ने ट्विटर पर कहा, यह बीजेपी की कायरतापूर्ण हरकत है, लेकिन कांग्रेस इन हथकंडों से झुकने वाली नहीं है। बीजेपी पर ‘फेयर एंड लवली’ योजना चलाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने कहा कि, जो लोग उनके साथ जुड़ते हैं, वे ‘अचानक’ ईमानदार हो जाते हैं और उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, चाहे वह हिमंत बिस्वा सरमा हों या शुभेंदु अधिकारी।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने भी आरोप लगाया, प्रधानमंत्री ने ईडी को वहां नहीं भेजा, जहां इसकी जरूरत है। उनके पास एक उचित योजना है क्योंकि जिनके खिलाफ पूर्व में ईडी ने जांच खोली, तो वे भाजपा में शामिल होने के बाद निर्दोष हो गए।