राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने शुक्रवार को कहा कि प्रवर्तन निदेशालय का पार्टी प्रमुख शरद पवार के खिलाफ मामला दर्ज करना नरेन्द्र मोदी सरकार की विपक्षी नेताओं को चोर, भ्रष्टाचारी की तरह पेश करने की साजिश है। हालांकि भाजपा ने इन आरोपों को खारिज कर दिया।
राकांपा ने ये आरोप प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज धनशोधन मामले में पवार का नाम आने और दाऊद इब्राहिम के करीबी रहे दिवंगत इकबाल मिर्ची से कथित व्यापार सौदों के लिये राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल से पूछताछ किये जाने के मद्देनजर लगाए। राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा, ईडी ने पवार के खिलाफ जो मामला दर्ज किया, वो विपक्षी नेताओं को चोर और भ्रष्ट बताकर उन्हें मिटाने की भाजपा, मोदी और (गृह मंत्री) शाह की साजिश है।
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उन्होंने कहा, चुनाव के दौरान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से हमें बदनाम करने के लिए पटेल को दाऊद और मिर्ची से जोड़ा गया। मलिक ने मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस को महाराष्ट्र के इतिहास का सबसे भ्रष्ट और बेईमान मुख्यमंत्री बताया। उन्होंने कहा, एमएमआरडीए (मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण) के सभी ठेकों को 42 फीसदी अतिरिक्त दरों पर दिया गया। ठेके उत्पादक संघों के लिए थे।
सरकार ने काली सूची में शामिल कंपनियों को ठेका दिया। हालांकि भाजपा ने मलिक के आरोपों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि दाऊद और राकांपा नेताओं के संबंध सामने आने के बाद ध्यान भटकाने के लिये बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं। महाराष्ट्र भाजपा के मुख्य प्रवक्ता माधव भंडारी ने कहा कि फड़णवीस सरकार द्वारा अनुबंध देने से संबंधित दस्तावेज सबके सामने हैं।